जबलपुर

18th Asian Games : जब खुशी बनकर हर चेहरे पर छा गई मुस्कान, थिरक उठे कदम

देश को रजत पदक दिलाकर प्रदेश को चमकाने का शौर्य दिखाया है

जबलपुरAug 29, 2018 / 03:30 pm

deepankar roy

muskan kirar win silver medal

जबलपुर। तीरंदाजी में दो साल की कड़ी ट्रेङ्क्षनग के बाद अपने हुनर का लोहा मनवाने वाली साठिया कुंआ निवासी १७ वर्षीय मुस्कान किरार ने एशियन गेम्स में देश को रजत पदक दिलाकर देश और प्रदेश को चमकाने का शौर्य दिखाया है। स्पर्धा के लिए दो माह से अभ्यास कर रही अपनी बेटी मुस्कान को देखने के लिए मां की आंखें तरस गईं तो मां ने ही बेटी को फोन लगाया और कहा, मुझे तुम्हें देखना है। बेटी ने जवाब में कहा, मां, मुझे अब मेडल के साथ ही देखना। मंगलवार को मुस्कान को जैसे ही रजत पदक दिए जाने की घोषणा हुई, मां की आँखें छलक गईं। मां खुशी से कह उठीं, मेरी बेटी ने जो कहा, वो कर दिखाया। इधर, रानीताल स्टेडियम में भी उसके साथी खिलाडिय़ों ने जमकर जश्न मनाया। मुस्कान की इस जीत से शहरवासियों में जश्न का माहौल है। विशेषकर खिलाड़ी तो उत्साह में नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुस्कान की जीत से हम सभी लोगों को अपने खेलों के प्रति लगन से अभ्यास करने तथा विजेता बनने का उत्साह छा गया है।

हॉल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजता रहा
मुस्कान का सुबह से ही मैच था। इधर, उसका मैच देखने के लिए साथी खिलाड़ी रानीताल स्टेडियम में जुट गए थे और अपने-अपने मोबाइल फोन पर लाइव खेल देखते रहे। तीरंदाज मुस्कान के लक्ष्य भेदते ही हॉल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजता रहा। यहां पर मुस्कान के पिता वीरेन्द्र, मां माला, बहन सलौनी और भाई वासु भी मौजूद थे।


दस घंटे अभ्यास
मुस्कान के पिता वीरेन्द्र किरार ने बताया, बेटी रोजाना आठ से दस घंटे अभ्यास करती रही। दो माह से वह हरियाणा के सोनीपथ में एशियन गेम्स के लिए अभ्यास कर रही थी। जब भी मुस्कान की पिता वीरेन्द्र से बात होती, तो मुस्कान देश के लिए मेडल लाने की बात कहती रही। मुस्कान की छोटी बहन सलौनी भी तीरंदाजी सीख रही है। मुस्कान ने कहा, वह भी बड़ी बहन की तरह देश का नाम रोशन करना चाहती है।

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