जंगल में मिली थी लाश
पुलिस के अनुसार 20 मार्च 2018 को कुठला थाना क्षेत्र के अंतर्गत बडेरा के जंगल में एक प्रौढ़ की लाश रक्तरंजित हालत में मिली थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम इसका पोस्टमार्टम कराया और संदेह के आधार धारा 302 व 201 भादंवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। 72 घंटे तक परिजनों का पता नहीं चलने व शव की पहचान नहीं होने के कारण उसे श्मशान घाट में दफना दिया गया था।
डेढ़ माह बाद रिपोर्ट
पुलिस के अनुसार खरखरी गांव निवासी नत्थू लाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके पिता फागूराम पिछले कई दिनों से लापता है। नत्थू की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। मृतक की फोटो मिलने पर पुत्र नत्थू को थाने बुलाया गया तो उसने कपड़ों व हाथ में पहने चूड़े आदि से शव की पहचान अपने पिता फागू राम रजक के रूप में की। शव की शिनाख्त होने के बाद कुठला पुलिस ने रविवार सुबह श्मशान घाट जाकर कब्र को खुदवाया और डीएनए जांच के लिए कंकाल के सैंपल एकत्रित किए। पुलिस का कहना है कि सागर से विसरा रिपोर्ट आने के बाद शिनाख्त की असलियत का पता चल पाएगा। नत्थू लाल ने बताया कि उसके पिता नाती के पास रहते थे। वह कई बार घर से बाहर चले जाते थे और 1 से 2 माह में लौट कर आते थे। इस बार जब वह काफी दिन तक लौटकर नहीं आए तो फिर गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। उसने करीब डेढ़ महीने बाद उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
सिर पर पत्थर पटककर हत्या
कुठला थाना प्रभारी विपिन सिंह ने बताया कि 20 मार्च को प्रौढ़ का शव जंगल में पाया गया था। उसके सिर में चोट के निशान थे। इससे इस बात के संकेत मिले कि पत्थर पटककर उसकी हत्या की गई है। प्रौढ़ की किन कारणों से हत्या की गई। उसका किस-किस से विवाद था। इन बिन्दुओं के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।