संपत्ति का मसला तो नहीं
जानकार सूत्रों का कहना है कि मिशनचौक के पास पांच दिन पहले मिली महिला की लाश के मामले में पुलिस चौंकाने वाला खुलासा कर सकती है। पुलिस ने संदेह जाहिर किया है कि बलात्कार के आरोप में बेटे के जेल जाने के बाद उसके पिता ने अपनी बहू का महज इसलिए कत्ल करवा दिया, जिससे बहू के गर्भ में पल रहा छह माह का शिशु उसकी संपत्ति की वारिस न बन जाए।
पार्सल के रूप में मिली लाश
उल्लेखनीय है कि 22 सितंबर की शाम पार्सल में महिला का शव मिला था। इस पार्सल को किसी व्यक्ति ने रिक्शा चालक के माध्यम से यह कहकर मिशन चौक पर छुड़वा दिया था कि वह पीछे-पीछे आ रहा है, बोरे को मिशन चौक पर छोड़ दिया जाए। बोरे में बंद शव की पहचान कुठला थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम टिकरवारा निवासी सुमन पटेल के रूप में की गई। सुमन के पिता ने बुधवार शाम जिला अस्पताल में बेटी की शिनाख्त की। पुलिस इस हत्याकांड में सुमन के ससुर गांधीगंज निवासी संतोष सरावगी से पूछताछ कर रही है।
इसलिए हो रहा शक
पुलिस के मुताबिक संतोष का बेटा पटाखा का कारोबारी है और उसने सुमन से चार साल पहले प्रेम विवाह किया था। 31 अगस्त को जिला न्यायालय ने बलात्कार के मामले में सतीश को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई है। कोतवाली पुलिस ने पूछताछ में पाया कि सतीश का पत्नी सुमन के अलावा कोई और वारिस नहीं था और वह छह माह गर्भ से है। पुलिस ने संदेह जाहिर किया कि संतोष ने अपने रिश्तेदारों की मदद से सुमन की हत्या की साजिश रची।
सीसीटीवी में दिखे थे दो संदिग्ध
पुलिस को संतोष सरावगी से पूछताछ के बाद सीसीटीवी फुटेज में दिखने वाले दो संदिग्ध नहीं मिले हैं। बताया जा रहा है, उनमें से एक संतोष का रिश्तेदार है और दूसरा उसका परिचित हो सकता है। दोनों जिले के बाहर के रहने वाले हैं। पुलिस सरगर्मी से इनकी तलाश में जुटी हुई है।
ससुर से पूछताछ
मृतका की शिनाख्त कर ली गई है। उसके ससुर संतोष सरावगी से संदेह के आधार पर पूछताछ की गई है। सीसीटीवी फुटेज में दिखे आरोपियों की तलाश की जा रही है।
– एमपी प्रजापति, सीएसपी