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पीने लायक नहीं बचा नर्मदा का पानी, ऐसे सामने आया सच

locationजबलपुरPublished: Apr 22, 2018 01:56:48 pm

Submitted by:

amaresh singh

नर्मदा में तीन गंदे नालों का पानी मिल रहा है, दूसरे नालों का पानी रोकने का प्रबंध नहीं किया गया है

Narmada getting impure

Narmada getting impure

जबलपुर । ग्वारीघाट में डेढ़ करोड़ रुपए में बनाए गए फिल्टर प्लांट के बावजूद नर्मदा में तीन गंदे नालों का पानी मिल रहा है। आसपास के दूसरे नालों का पानी रोकने का प्रबंध नहीं किया गया। फिल्टर प्लांट से भी ओवरफ्लो होकर पानी नर्मदा का आंचल दूषित कर रहा है।
चोई साफ नजर आ रही है
पत्रिका टीम ने शनिवार को पड़ताल की तो यह तस्वीर सामने आई। जल स्तर कम होने से चोई साफ नजर आ रही है। नर्मदा भक्तों की चिंता है कि कम पानी में नर्मदा की धार धीमी हो गई है। एेसी स्थिति में गंदे नालियों के पानी से ज्यादा नुकसान हो रहा है। दोना-पत्तल भी प्रदूषण फैला रहे हैं। नगर निगम ने घाटों पर भंडारा प्रतिबंधित का बोर्ड लगाया है, लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण आए दिन ग्वारीघाट में भंडारे हो रहे हैं। भंडारे के लिए कोई स्थान निर्धारित नहीं है। खंदारी नाला से ग्वारीघाट व आसपास क्षेत्रों के लिए 35 कर्मचारियों के सफाई का ठेका है।
24 घंटे जलधार निकलती रहती है
सिद्धघाट में सिद्धकुंड से 24 घंटे जलधार निकलती रहती है और श्रद्धालु यहां नमन करने आते है। कुंड से नदी की ओर जाने वाली नाली दोना, पत्तल और गिलास से पटी है। जहां गंदा पानी मिल रहा है, उस स्थान पर नर्मदा जल का रंग बदल गया है। फिल्टर प्लांट की मुख्य नाली के बगल में बरसात का पानी निकलने के लिए नाली बनाई गई थी, जिसमें कॉलोनी और दुकानों का गंदा पानी बहकर नर्मदा जल में मिल रहा है। प्लांट की टैंक की सफाई नहीं होने के कारण सुबह शाम नाली ओवरफ्लोर होती है। सिद्धघाट में पहले प्राकृतिक जल की नाली थी। इसमें ग्वारीघाट बस्ती की नालियों का पानी बहने लगा है। इस कारण नर्मदा जल दूषित हो रही है। जल स्तर कम होने के कारण नाले के पानी की धार साफ दिख रही है। जहां लोग स्नान कर रहे हैं वहां, गंदा पानी मिल रहा है।

वर्जन
फिल्टर प्लांट और सिद्धकुंड के पास गंदगी और गंदे नाली का पानी नर्मदा जल की जांच की जाएगी। नर्मदा जल एवं तट पर स्वच्छता बढ़ाने के निर्देश दिए जाएंगे।
जीएस चंदेल,
स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

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