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नर्मदा जयंती : मां रेवा के तटों पर लगा आस्था का ‘कुम्भ’, छलका पुण्य का ‘अमृत’

locationजबलपुरPublished: Feb 03, 2020 12:11:52 am

Submitted by:

shivmangal singh

ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, सरस्वती घाट पर स्नान-दान और अनुष्ठान

नर्मदा जयंती : मां रेवा के तटों पर लगा आस्था का 'कुम्भ', छलका पुण्य का 'अमृत'

Narmada jatyanti Jabalpur

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवि नर्मदे…, निर्मल बहे नर्मदा नीर। संस्कारधानी में शनिवार को नर्मदा प्राकट्योत्सव (जयंती) पर नर्मदा घाटों सहित शहर के चौक-चौराहों पर ये धुन गंूजती रही। नर्मदा मैया के जन्म पर बधाव बजाए जा रहे थे। घाटों पर आस्था की डुबकी लगी। तो शहर में भंडारे के आयोजन में श्रद्धा का सैलाब नजर आया। श्रद्धालुओं ने वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों के बीच जीवन दायिनी पुण्य सलिला की महाआरती कर स्तुति-आराधना की। फूलों से सुसज्जित मां रेवा की प्रतिमा के साथ पालकी यात्रा और बैंड दलों की धुन पर नृत्य करते हुए चुनरी यात्रा निकाली गई।

जबलपुर. ग्वारीघाट में सिद्धघाट, उमाघाट, नावघाट, ग्वारीघाट से झंडा चौक, अवधपुरी गेट और गीताधाम तक पर लोग ही लोग नजर आ रहे थे। दो किमी के दायरे में धारा प्रवाह भक्तों के कारण आस्था का सैलाब दिखा। मातृशक्ति की टोलियां गीत गाते हुए नंगे पांव तीर्थ पहुंचीं। स्नान-दान और अनुष्ठान कर मां नर्मदा की नयनाभिराम प्रतिमा का पूजन किया। नर्मदा महाआरती घाट पर दोपहर 12 बजे संतों के सान्निध्य में प्राकट्योत्सव मनाया गया तो भक्त भाव विभोर होकर नृत्य करने लगे।
मां रेवा के प्राकट्योत्सव में बैंगलूरु के स्वामी तेजोमय, स्वामी पगलानंद, स्वामी नरसिंहदास, स्वामी रामानंद गिरि, स्वामी कालीनंद, स्वामी रामानंदपुरी, साध्वी मीरा, स्वामी ध्रुव दास, स्वामी सुरेंद्र दास, किन्नर संत संतोषी दास, आचार्य संतोष शास्त्री के सान्निध्य में नर्मदा पूजन हुआ। संयोजक ओंकार दुबे ने मां नर्मदा का सहस्चार्चन किया। शंकराचार्य के निजी सचिव स्वामी सुबुद्धानंद, ब्रह्मचारी चैतन्यानंद के साथ भक्तों ने नर्मदा महाआरती की।
तिलवाराघाट में मेला, धुआंधार में महाआरती
तिलवाराघाट में सुबह से दोपहर तक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान-दान किया। बच्चों ने तटों पर लगे झूलों का लुत्फ उठाया। बड़ों ने मेले में मिठाइयां एवं गृहस्थी के सामान खरीदे। श्रद्धालुओं ने तट को रंगोली से सजाया था। नर्मदा संदेश एक संकल्प के खुला मंच पर विभिन्न संस्थाओं के लोगों ने मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। स्वामी राघवदेवाचार्य, संत भैयाजी सरकार, स्वामी विभानंद गिरि के सान्निध्य में महाआरती हुई। भेड़ाघाट के पंचवटी में मां नर्मदा की प्रतिमा स्थापित कर एक छोर से दूसरे छोर तक चुनरी अर्पित की गई। शाम को धुआंधार और सरस्वती घाट पर महाआरती में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। लम्हेटाघाट में मां नर्मदा को 56 भोग अर्पित किया गया। जिलहरीघाट में धार्मिक गीतों की प्रस्तुति दी गई।
नर्मदा जयंती : मां रेवा के तटों पर लगा आस्था का 'कुम्भ', छलका पुण्य का 'अमृत'

माई के प्राकट्योत्सव में लीन संस्कारधानी, 51 महाआरती में हुई दिव्य आराधना
मां नर्मदा के प्राकट्योत्सव में उत्सवमयी हुई संस्कारधानी में शनिवार शाम ग्वारीघाट में 51 आचार्यों की महाआरती में शिवपुत्री नर्मदा की दिव्य आराधना हुई। समवेत स्वरों में हुई महाआरती से श्रद्धालुओं की दृष्टि उमाघाट की ओर टिक गई थी। हर कोई माई की भक्ति में मंत्रमुग्ध हो गया।
स्मार्ट सिटी के अंतर्गत फ्यूजन इवेंट्स इंदौर के 70 कलाकारों की टीम ने दिव्य महाआरती एवं रोमांचक खेलों का हैरतअंगेज प्रदर्शन, धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति की। उमाघाट से ऊपर की सीढिय़ों तक एवं सिद्धघाट तक श्रद्धा का सैलाब ऐसा था कि खड़े होने की जगह भी आसानी से नहीं मिल रही थी। वित्तमंत्री तरूण भनोत, मंत्री लखन घनघोरिया, महापौर स्वाति गोडबोले ने नर्मदा पूजन किया।
नन्हें कलाकारों ने जीता दिल- हनुमान चालीसा और देश भक्ति गीतों के बीच मलखम्भ के कलाकारों ने प्रदर्शन किया तो लोगों ने दांतों तले ऊंगली दबा ली। सिर और हाथों में जलते हुए लौ के साथ किशोर ने खम्भे पर शानदार करतब दिखाए। बेटियों ने सिर पर दीपक रखकर योगाभ्यास किया। उनकी टीम ने कई प्रकार के पिरामिड बनाकर दर्शकों का दिल जीता।


नृत्य आराधना में मेकलसुता का प्राकट्य
मां नर्मदा के प्राकट्य की प्रस्तुति में श्रद्धालु भावविभोर हो गए। अपने पितरों के मोक्ष के लिए राजा भगवान शिव की तपस्या करते हैं। भोलेनाथ पृथ्वी पर नर्मदा के अवतरण की आज्ञा प्रदान करते हैं। फिर मां नर्मदा का वेग मेकल पर्वत धारण करते हैं। 18 कलाकारों की टीम ने अपने नृत्य और अभिनय से 18 मिनट के नाटक का मंचन किया।


रात में थमने लगे पहिए, लगा जाम
नर्मदा प्राकट्योत्सव में शनिवार की रात ग्वारीघाट रोड पर वाहनों के पहिए थम लगे। सड़क पर वाहनों के पहिए रेंगते हुए ही चल सके। अवधपुरी गेट और गीताधाम से वाहनों को नर्मदा तट की ओर नहीं आने दिया गया।

पूर्व सीएम ने किया मां नर्मदा का पूजन-अर्चन
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शनिवार रात अमरकंटक से जबलपुर आए। यहां वे सर्किट हाउस गए। वहां से ग्वारीघाट गए। यहां पर उन्होंने मां नर्मदा का पूजन-अर्चन किया। इसके बाद वे रसल चौक स्थित जबलपुर हॉस्पिटल गए। वहां उन्होंने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उनके इलाज के सम्बंध में सिंह ने डॉक्टर्स से भी चर्चा की। इसके बाद वे ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राधेश्याम चौबे के निवास पर पहुंचे। रविवार को सिंह शहर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

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