महाआरती, फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम
कुम्भ के दौरान 25 फरवरी को नर्मदा व कन्या पूजन होगा। गीताधाम से उमाघाट तक कलश यात्रा निकाली जाएगी। 26 फरवरी को सुबह 8 बजे से यज्ञ आरम्भ होगा।
11.30 बजे से भागवताचार्य इंद्रेश उपाध्याय श्रीमद्भावगत कथा करेंगे। दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक संत समागम होगा। शाम 7 बजे से महाआरती होगी। रात 8 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 3 मार्च को भगवान योगेश्वर का पाटोत्सव, पूजन, महाआरती और छप्पन प्रकार के भोजन का भोग लगाया जाएगा। 9.30 बजे शाही स्नान और 12 बजे यज्ञ की पूर्णाहूति होगी।
कुम्भ के दौरान 25 फरवरी को नर्मदा व कन्या पूजन होगा। गीताधाम से उमाघाट तक कलश यात्रा निकाली जाएगी। 26 फरवरी को सुबह 8 बजे से यज्ञ आरम्भ होगा।
11.30 बजे से भागवताचार्य इंद्रेश उपाध्याय श्रीमद्भावगत कथा करेंगे। दोपहर 2 से शाम 7 बजे तक संत समागम होगा। शाम 7 बजे से महाआरती होगी। रात 8 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 3 मार्च को भगवान योगेश्वर का पाटोत्सव, पूजन, महाआरती और छप्पन प्रकार के भोजन का भोग लगाया जाएगा। 9.30 बजे शाही स्नान और 12 बजे यज्ञ की पूर्णाहूति होगी।
बैंड इंडियन ओशेन की प्रस्तुति
कुम्भ में कई लोक एवं संगीत कलाकार शामिल होंगे। आदिवासी लोक नृत्य के साथ ही बैंड इंडियन ओशेन की प्रस्तुति होगी। कैलाश खेर, हंसराज रघुवंशी, मनीष अग्रवाल, भैरवी विश्वरुप, मनीष चंचल, मोहिनी मोघे, शालिनी खरे सहित कई नामी गायक एवं कलाकरों ने कुम्भ में आने की सहमति प्रदान की है। कुम्भ में अमरकंटक के बाबा कल्याणदास, जूना अखाड़ा के स्वामी अवधेशानंद गिरी, चित्रकूट के स्वामी रामभद्राचार्य, हरिद्वार के निर्मल अखाड़ा के स्वामी ज्ञानदेव, खालसा परिषद के डाकोर गद्याचार्य माधावाचार्य, दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती सहित वंृदावन, महाराष्ट, प्रयाग, ऋषिकेश से कई संत शामिल होंगे।
कुम्भ में कई लोक एवं संगीत कलाकार शामिल होंगे। आदिवासी लोक नृत्य के साथ ही बैंड इंडियन ओशेन की प्रस्तुति होगी। कैलाश खेर, हंसराज रघुवंशी, मनीष अग्रवाल, भैरवी विश्वरुप, मनीष चंचल, मोहिनी मोघे, शालिनी खरे सहित कई नामी गायक एवं कलाकरों ने कुम्भ में आने की सहमति प्रदान की है। कुम्भ में अमरकंटक के बाबा कल्याणदास, जूना अखाड़ा के स्वामी अवधेशानंद गिरी, चित्रकूट के स्वामी रामभद्राचार्य, हरिद्वार के निर्मल अखाड़ा के स्वामी ज्ञानदेव, खालसा परिषद के डाकोर गद्याचार्य माधावाचार्य, दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती सहित वंृदावन, महाराष्ट, प्रयाग, ऋषिकेश से कई संत शामिल होंगे।