जबलपुर

ऋषि-कृषि सम्मेलन में गोवंश से उन्नति के धार्मिक-वैज्ञानिक पहलू आएंगे सामने

संतों ने की नर्मदा कुम्भ की तैयारियों की समीक्षा, 24 फरवरी से 3 मार्च तक होगा आयोजन, दूसरे राज्यों में आमंत्रण पहुंचाने का संकल्प

जबलपुरFeb 06, 2020 / 06:12 pm

Sanjay Umrey

संतों ने की नर्मदा कुम्भ की तैयारियों की समीक्षा, 24 फरवरी से 3 मार्च तक होगा आयोजन, दूसरे राज्यों में आमंत्रण पहुंचाने का संकल्प

जबलपुर। संस्कारधानी के संतों, आचार्यों एवं भक्तों ने बुधवार को नर्मदा कुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण और समीक्षा की। नर्मदा तीर्थ में कुम्भ के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए संत समाज ने अपने-अपने स्तर से शहर एवं दूर दराज के श्रद्धालुओं को आमंत्रित करने का संकल्प लिया। नर्मदा महायज्ञ, गौपुष्टि महायज्ञ, संत सम्मेलन, सवा करोड़ नर्मदेश्वर शिवलिंग निर्माण जैसे आयोजनों से धर्म की अलख जगाने के प्रति उत्साह दिखा। कुम्भ में कई राज्यों के प्रमुख संत शामिल होंगे। 24 फरवरी को संतों की पेशवाई होगी।
अमृतामयी मां नर्मदा
स्वामी डॉ. श्यामदेवाचार्य ने कहा कि नर्मदा कुम्भ संत समागम में कथामृत के साथ अमृतामयी नर्मदा का सान्निध्य एक साथ मिलेगा। अमृतामयी मां नर्मदा का दर्शन और स्नान-दान का फ ल भी मिलेगा। कुम्भ में ऋषि कृषि सम्मेलन का आयोजन होगा। जिसमें गोवंश से उन्नति पर धार्मिक व वैज्ञानिक पहलु सामने आएंगे।
अन्य कुम्भों की तरह ही प्राप्त होगा पुण्य
स्वामी राघवदेवाचार्य ने कहा कि प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में तो अमृत की बूंदें गिरी थीं, लेकिन मां नर्मदा का जल साक्षात अमृत है। कुम्भ में श्रद्धालुओं को वही फ ल मिलेगा, जो अन्य कुम्भों में मिलता है। स्वामी कालिकानंद ने कहा कि नर्मदा तीर्थ में महाशिवरात्रि में श्रद्धालुओं को भगवान शिव की उपासना का पुण्य प्राप्त होगा।
नर्मदा कुम्भ के संयोजक डॉ. स्वामी नरसिंहदास ने नर्मदा कुम्भ की विस्तृत जानकारी साधु मंडल के समक्ष रखी। इस अवसर पर साधु मंडल ने मां नर्मदा और कुम्भ के सम्बंध में अपना अनुभव सभी के समक्ष रखा और नर्मदा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने रखने का संकल्प लिया।
महंत विश्वनाथपुरी, स्वामी पगलानंद, स्वामी रामकृष्णदास, स्वामी रामानंदपुरी, स्वामी राधेचैतन्य, स्वामी रंजीतानंद, आचार्य इन्द्रभान शास्त्री, स्वामी अशोकानंद, साध्वी विभा, आचार्य सचिनदेव, स्वामी रामजी शरण, स्वामी राजेन्द्र शरण, स्वामी श्यामादास, स्वामी रामबहादुर, स्वामी रामदास, साध्वी सुशीला, स्वामी हनुमानदास, स्वामी वासुदेवानंद, स्वामी त्रिलोक दास, स्वामी विनेश्वरानंद, रमाशंकर कटारे, शरद दुबे, लोकराम कोरी, संतोष गोडबोले सहित आदि उपस्थित थे।
भव्य डोम में हजारों श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था
नर्मदा कुम्भ में एक साथ बैठकर हजारों श्रद्धालु संतों के प्रवचन सुन सकेंगे। प्रवचन का डोम (पंडाल) सबसे बड़ा होगा। इसमें भव्य मंच के सामने पांच हजार कुर्सियां लगेंगी एवं आसपास बैठने के स्थान होंगे। संतों के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेशों में रहने वाले लोगों को आमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं। यज्ञ आयोजन समिति ने यज्ञ का ले-आउट तैयार कर लिया है। नगर निगम के अधिकारी ले-आउट के अनुसार कार्य शुरू करेंगे।
संस्कारधानी में 7वें वर्ष नर्मदा कुम्भ आयोजित किया जा रहा है। यज्ञ में देश के कई बड़े संत शामिल होंगे। 24 फरवरी से तीन मार्च तक यज्ञ की आहुतियां दी जाएंगी। जबकि, प्रवचन, अखंड कीर्तन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे।
यज्ञ आयोजन समिति के संयोजक स्वामी डॉ. नरसिंह दास के अनुसार प्रवचन के डोम में 100 फुट लम्बा एवं 50 फुट चौड़ा भव्य मंच बनाया जाएगा। जबकि, 130 फुट चौड़ा और 300 फीट लम्बे डोम में प्रवचन होंगे। इसके अगल-बगल भी बैठने की व्यवस्था की जाएगी। 100 फुट लम्बा एवं 50 फुट चौड़ा क्षेत्रफल के डोम में अखंड कीर्तन होगा। 150 फुट लम्बा एवं 90 फुट चौड़े डोम में रंग मंचीय कार्यक्रम होगा। भूमि समतलीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। नगर निगम के विभिन्न शाखाओं को कार्य करने की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
नगर नगम के इंजीनियर पुरुषोत्तम तिवारी के अनुसार गीताधाम के सामने बड़े क्षेत्रफल में कुम्भ की तैयारियां की जा रही हैं। भूमि समतलीकरण का कार्य पूर्ण होने वाला है। यज्ञ आयोजन समिति के साथ बातचीत करके गुरुवार को ले-आउट के अनुसार पाइप लाइन डालने पर अंतिम निर्णय किया जाएगा। भोजनालय, आवास व्यवस्था, शौचालय एवं स्नानागार व्यवस्था के साथ सार्वजनिक स्थानों पर पानी के प्वाइंट बनाए जाएंगे। 5 हजार फुट से अधिक की पाइप लाइन पानी आपूर्ति हेतु डालने का अनुमान है। लगभग 350 प्वाइंट पर आपूर्ति दी जाएगी। सीवेज लाइन एवं टेंट के कार्यों में भी तेजी आ गई है।

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