जबलपुरPublished: Jun 04, 2020 08:25:12 pm
Sanjay Umrey
शहरवासी नर्मदा तटों सहित जलाशयों की सफाई में सहभागिता कर रहे हैं
Narmada river ; नर्मदा नदी उफान पर, भरुच में क्यां है हालात, प्रशासन की कैसी है तैयारी..?
जबलपुर। जल ही जीवन है। इसे चरितार्थ करते हुए शहरवासी नर्मदा तटों सहित जलाशयों की सफाई में सहभागिता कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन अवधि में जीवनदायिनी नर्मदा का जल साफ हो गया है।
ऐसे में जल स्रोतों के संरक्षण के लिए समर्पित रहने वालों ने जीवनदायिनी का नैसर्गिक स्वरूप यथावत रखने और तटों को स्वच्छ रखने के लिए सभी से सहभागी बनने की अपील की है।
शहर के जलमित्र यह संदेश भी दे रहे हैं कि जिस तरह से अमेरिका के वर्जीनिया में जल स्रोतों के तटों को स्वच्छ रखने के लिए जून के पहले शनिवार को क्लीन द बे डे मनाया जाता है।
यहां भी सभी को मिलकर जलस्रोतों को स्वच्छ रखने में सहयोग करना चाहिए।
लॉकडाउन के दौरान नदियों का जो स्वरूप है उसे यथावत रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। तटों पर साबुन से स्नान व ऐसी गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगे।
ऋषि सागर, जल मित्र
पुण्य सलिला मां नर्मदा सभी की आस्था का केंद्र हैं। नर्मदा में स्नान, पूजन-अर्चन के दौरान यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि जीवनदायिनी का आंचल गंदा न हो।
अभिषेक मिश्रा, जल मित्र
ओमती और मोती नदी को नालों में तब्दील कर दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में उनका स्वरूप और समेट दिया गया है। परियट और गौर नदी की स्थिति भी लगातार दयनीय हो रही है। जागरुकता से ही जलस्रोत स्वच्छ रह सकते हैं।
प्रो. एचबी पालन, पर्यावरणविद्