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नेशनल लोक अदालत: अब तक सुलझे 50 लाख विवाद

locationजबलपुरPublished: Mar 01, 2019 02:03:55 am

Submitted by:

reetesh pyasi

लंबित प्रकरणों का निपटारा

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जबलपुर। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से श्रृंखलाबद्ध रूप से साल में चारबार आयोजित की जाने वाली नेशनल लोक अदालत हाईकोर्ट व जिला अदालतों में लम्बित विवादों के लिए ‘रामबाणÓ साबित हुई है। अदालत पहुंचने के पूर्व मामलों का निराकरण कर अदालतों के बढ़ते बोझ को काफी हद तक कम करने में भी सफलता मिली है। बीते चार साल में नेशनल लोक अदालत के जरिए प्रदेश में विभिन्न अदालतों में बरसों से लम्बित व अदालत पहुंचने के पूर्व प्रिलिटिगेशन के करीब पचास लाख मामलों का समझौते से निराकरण किया जा चुका है।

टोल फ्री नम्बर से मिल सकती है मदद
गरीबों को नि:शुल्क कानूनी मदद के लिए प्राधिकरण नेशनल हेल्प लाइन टोल फ्री नम्बर जारी किया है। कार्यदिवस में 10.30 बजे से 5.30 बजे तक टोल फ्री नम्बर 15100 पर डायल कर हेल्प लाइन की मदद ली जा सकती है। प्राधिकरण कानूनी जागरुकता जगाने व गरीब पक्षकारों को नि:शुल्क कानूनी मदद मुहैया कराने में अग्रणी सरकारी संस्थान है। 547, साउथ सिविल लाइंस, पचपेढ़ी जबलपुर में इसका मुख्यालय है। प्राधिकरण के पास आने वाले आवेदनों के अनुरूप कार्यवाही कर सम्बंधित की कानूनी मदद तो की ही जाती है। गरीबों को नि:शुल्क कानूनी मदद उपलबध कराने के लिए प्राधिकरण ने टोल फ्री हेल्प लाइन भी जारी की है।
इन मामलों में होता है समझौता
अपराधिक शमनीय प्रकरण, लिखित पराक्रम्य अधिनियम की धारा 131 के तहत चेक बाउंस का मामला, बैंक रिकवरी के मामले, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, श्रम विवाद, विद्युत एवं जलकर, वैवाहिक, वित्त सम्बंधी, भूमि अधिग्रहण, पेंशन से सम्बंधित, राजस्व व दीवानी प्रकरण, प्री-लिटिगेशन मामले।
यह है स्थिति
नेशनल लोक अदालत में राज्य में निपटे मामले (प्रि-लिटिगेशन व नियमित लम्बित मामले )
2015 36,40,928
2016 1,096,797
2017 1,94,146
2018 2,55,318

नेशनल लोक अदालत शृंखला से अदालतों का बोझ काफी कम हुआ है। शमनीय प्रकरणों के लिए यह कारगर उपाय है। प्रीलिटिगेशन के मामलें का इसके जरिए निराकरण बड़ी उपलब्धि है। इससे अदालतों का बोझ कम होगा।
विजय चंद्र, सदस्य सचिव, मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
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