पहले साल नहीं मिला था आरक्षण-
2018 में डीएनएलयू का जबलपुर में शुभारंभ हुआ था। 2018-19 में विवि तकनीकी दिक्कतों के चलते आरक्षण के प्रावधानों का पालन नहीं कर पाया था। 2019-20 से निर्धारित 50 प्रतिशत जातिगत आरक्षण लागू किया गया।
आरक्षित वर्ग में ही मिलता था मूलनिवासी को आरक्षण-
अब तक डीएनएलयू में प्रदेश के मूलनिवासी छात्र को आरक्षित अर्थात एससी, एसटी या ओबीसी वर्ग में ही प्रवेश मिलता था। विवि के नियमों के तहत मूलनिवासी छात्रों के लिए व्यवस्था की गई और क्लेट कंसोर्टियम को इस सम्बंध में प्रस्ताव भेजा गया था।
ईडब्ल्यूएस के लिए अलग सीटें –
डीएनएलयू में अब तक ईडब्ल्यूएस को सामान्य वर्ग की सीटों में ही समाहित किया जाता था। नोटिफिकेशन के अनुसार अब ईडब्ल्यूएस के लिए विवि में एलएलबी की 12 व एलएलएम की 5 अतिरिक्त सीटें आवंटित की गई हैं। इससे अब मूलनिवासियों को आरक्षित के साथ अनारक्षित वर्ग में भी आधी सीटों पर प्रवेश मिल सकेगा।
राज्य सरकार का था अनुरोध-
विवि के उच्चस्तरीय सूत्रों का कहना है कि डीएनएलयू में राज्य के मूल निवासियों को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार लगातार दवाव बना रही थी। इसे देखते हुए विवि ने यह प्रस्ताव भेजा था।
इस प्रकार है सीट स्ट्रक्चर-
बीएएलएलबी कुल सीट- 132
एलएलएम कुल सीट-55
अब तक इस प्रकार था आरक्षण-
बीएएलएलबी—(कुल 120सीट, ईडब्ल्यूएस शामिल)
सामान्य-60 सीट
ओबीसी- 16
एससी-20
एसटी-24
एलएलएम–(कुल 50 , ईडब्ल्यूएस सीट शामिल)
सामान्य-25
ओबीसी-7
एससी-8
एसटी-10
अब यह हुआ-
बीएएलएलबी- (कुल 132)
ईडब्ल्यूएस- 12 में से राज्य के निवासियों को 6
सामान्य- 60-में से राज्य के निवासियों को 30
ओबीसी- 16 में से राज्य के निवासियों को 8
एससी–20 में से राज्य के निवासियों को 10
एसटी-24 में से राज्य के निवासियों को 12
एलएलएम- (कुल 55)
ईडब्ल्यूएस- 5 में से राज्य के निवासियों को 3
सामान्य- 25 में से राज्य के निवासियों को 13
ओबीसी- 7 में से राज्य के निवासियों को 4
एससी–8 में से राज्य के निवासियों को 4
एसटी-10 में से राज्य के निवासियों को 5
इनका कहना है
डीएनएलयू में अब राज्य के मूलनिवासियों को 50 फीसदी सीटें मिलेंगी। हर वर्ग की आधी सीटें इसके लिए क्षैतिज रूप से आरक्षित होंगी।
-डॉ मानवेन्द्र तिवारी, डीन डीएनएलयू