scriptNavratri 2017 september colors: राम के साथ ही हनुमानजी इनके भी सुलझाते हैं केस, मेघनाथ देते हैं दवाई | Navratri 2017 september colors | Patrika News

Navratri 2017 september colors: राम के साथ ही हनुमानजी इनके भी सुलझाते हैं केस, मेघनाथ देते हैं दवाई

locationजबलपुरPublished: Sep 25, 2017 03:18:43 pm

Submitted by:

deepak deewan

आदर्श रामलीला समिति अधारताल की हैं कई सुनहरी और दुखभरी यादें, मां की मौत के बाद भी मंच पर गरजे थे बाणासुर

Navratri 2017 september colors

Navratri 2017 september colors

जबलपुर. अधारताल की आदर्श रामलीला समिति मंचन के ५०वां वर्ष मना रही है। रामलीला के इतने सालों के मंचन के दौर में कई सुनहरी यादें हैं तो कुछ दुखभरे वृत्तांत भी हैं। रामलीला के पात्रों की यादें ताजी हो रही हैं। समिति संस्थापक सदस्य एवं जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारी माधव प्रसाद केवट बताते हैं गोविन्दगंज रामलीला समिति के पात्र लक्ष्मी प्रसाद ने नौटंकी के कलाकारों के सहयोग से रामलीला की बुनियाद रखी। वर्ष २००४ में मुकुट पूजन से एक दिन पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष ने मंचन से हाथ खड़े कर दिए, फिर समिति के २८ पात्रों ने खुद ही मोर्चा सम्हाला।

आंखों में आंसू, मुंह में संवाद
अधारताल रामलीला में रावण-बाणासुर संवाद खास माना जाता है। इससे जुड़ा एक बेहद दर्दनाक वृत्तांत भी है। समिति सदस्यों के मुताबिक वर्ष १९९८ में मुकुट पूजन के दिन ही संचालक सुरेश श्रीवास की मां दिवंगत हो गई। इसके पहले वे बाणासुर का अभिनय करने को तैयार थे। दिल पर पहाड़ टूटा, आंखों से आसू नहीं रुक रहे थे। मंचन टूटने की बारी आई तो उन्होंने किसी तरह खुद को सम्हाला, मंचन किया । खास बात तो यह है कि मां की मौत का उनके अभिनय में कहीं अहसास नहीं होने दिया। और तो और बाणासुर की भूमिता निभाते हुए ऐसा अट्टहास किया था कि सामने बैठे लोग दहल उठे थे।

ये निभा रहे भूमिका
आदर्श रामलीला समिति की एक और खासियत है। हनुमानजी को श्रीराम का काम करनेवाला बताया जाता है पर यहां के हनुमान दुनियाभर के झगड़े-टंटे निपटाते हैं। हनुमानजी की भूमिका निभानेवाले मप्र हाईकोर्ट के अधिवक्ता हैं- मनमोहन पांडेय । वे यहां २९ वर्ष से हनुमान का अभिनय कर रहे हैं। इसी तरह अन्य अभिनेताओं के भी अलग-अलग पेशे हैं। कैकेयी के अभिनय से कोई समझ नहीं सकता कि करूणामयी मां की भूमिका निभाने वाले इंजीनियरिंग पेशा के इन्द्रजीत पटेल हैं। वे पांच वर्ष से इस पात्र का अभिनय कर रहे हैं। दवा कम्पनी के एरिया मैनेजर अमिति दाहिया मेघनाथ और अनिल केवट रावण बनते हैं। राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, सीता और हनुमान का अभिनय ब्राह्मण करते हैं। पूर्व पात्र दिनेश गर्ग और धर्मेन्द्र शर्मा सरकारी सेवा में हैं जबकि जेएनकेवि से सेवानिवृत्ति स्व. हरि प्रसाद प्रसाद शुक्ला के अधिवक्ता पुत्र अजय शुक्ला अपने पिता की विरासत में हनुमानजी के अभिनय की तैयारी में हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो