रोती रही तीन माह की मासूम पर नहीं पसीजी मां, उठा लिया यह खौफनाक कदम
सालों से कर रहे संचालन
समिति के मौजूदा कर्ताधर्ता में संरक्षक उत्तमचंद झा, संचालक अधिवक्ता बलराज सोनकर, अध्यक्ष श्यामचंद तिवारी, महामंत्री शिवमणि मिश्रा, उपाध्यक्ष विष्णु प्रसाद दीक्षित, कमलेश तिवारी, जितेन्द्र कोरी जित्तू शामिल हैं। इनमें से अनेक ऐसे हैं जो कई दशकों से रामलीला के संचालन से जुड़े हैं।
मैदान में करंट पर सभी रहे सुरक्षित
घमापुर व आसपास रहने वाले लोग रामलीला मैदान को तीर्थ स्थल की तरह मानते हैं। मंचन स्थल में अटूट आस्था है। समिति उपाध्यक्ष विष्णु प्रसाद ने बताया कि २००७ में मंचन के दौरान मैदान में क रंट फै ल गया था। उस वक्त हजारों दर्शक थे। सूचना पर बिजली विभाग की टीम ने बिजली आपूर्ति बाधित की। करंट फै लने के बावजूद सभी सुरक्षित रहे। सभी इस पर आश्चर्य करते हुए इसे राम की लीला बता रहे थे।
सालों से कर रहे संचालन
समिति के मौजूदा कर्ताधर्ता में संरक्षक उत्तमचंद झा, संचालक अधिवक्ता बलराज सोनकर, अध्यक्ष श्यामचंद तिवारी, महामंत्री शिवमणि मिश्रा, उपाध्यक्ष विष्णु प्रसाद दीक्षित, कमलेश तिवारी, जितेन्द्र कोरी जित्तू शामिल हैं। इनमें से अनेक ऐसे हैं जो कई दशकों से रामलीला के संचालन से जुड़े हैं।
मैदान में करंट पर सभी रहे सुरक्षित
घमापुर व आसपास रहने वाले लोग रामलीला मैदान को तीर्थ स्थल की तरह मानते हैं। मंचन स्थल में अटूट आस्था है। समिति उपाध्यक्ष विष्णु प्रसाद ने बताया कि २००७ में मंचन के दौरान मैदान में क रंट फै ल गया था। उस वक्त हजारों दर्शक थे। सूचना पर बिजली विभाग की टीम ने बिजली आपूर्ति बाधित की। करंट फै लने के बावजूद सभी सुरक्षित रहे। सभी इस पर आश्चर्य करते हुए इसे राम की लीला बता रहे थे।
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क्रिश्चियनों ने किया सहयोग
घमापुर में रामलीला की शुरुआत क्रिश्चन समाज के सहयोग से हुई थी। संस्थापक समिति के अध्यक्ष मूलचंद झा, उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह बघेल, डॉ. ए सहाय, हीरालाल गुप्ता, शिवाधार परनामी ने पहल की। १९४७ तक ये समिति घमापुर चौराहा पर जीसीएफ की रामलीला की राम बारात क ा स्वागत करती थी। जब रामलीला शुरू करने का निर्णय लिया तो क्रिश्चन समाज के एमआर अगस्टिस, एन डेनियल, एस बेंजमिन ने सहयोग किया। एक साल बाद रामलीला की भव्य शुरुआत हुई।
क्रिश्चियनों ने किया सहयोग
घमापुर में रामलीला की शुरुआत क्रिश्चन समाज के सहयोग से हुई थी। संस्थापक समिति के अध्यक्ष मूलचंद झा, उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह बघेल, डॉ. ए सहाय, हीरालाल गुप्ता, शिवाधार परनामी ने पहल की। १९४७ तक ये समिति घमापुर चौराहा पर जीसीएफ की रामलीला की राम बारात क ा स्वागत करती थी। जब रामलीला शुरू करने का निर्णय लिया तो क्रिश्चन समाज के एमआर अगस्टिस, एन डेनियल, एस बेंजमिन ने सहयोग किया। एक साल बाद रामलीला की भव्य शुरुआत हुई।