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यहां क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों में बच्चे पाएंगे शिक्षा

locationजबलपुरPublished: Jun 16, 2019 02:44:32 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

शासकीय स्कूलों के भवन बदहाल, शिक्षा विभाग ने अब तक शुरू नहीं की मरम्मत

govt school

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जबलपुर. शिक्षा विभाग 17 जून से नए शिक्षा सत्र को शुरू करने की तैयारी में लगा है। दूसरी तरफ सिहोरा ब्लॉक की कई सरकारी स्कूलों के भवनों की हालत खस्ताहाल है। 50 साल पुराने इन स्कूल भवनों में कहीं छप्पर टूटा है, तो कहीं दीवारें कमजोर हो चुकी हैं। कक्षाएं संचालित करने से पहले यह स्कूल भवन मरम्मत की बांट जोह रहे हैं।
जानकारी के अनुसार सिहोरा ब्लॉक में 226 प्राथमिक माध्यमिक शासकीय स्कूल हैं, जिनमें 147 प्राथमिक और 79 माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। इनमें से कई स्कूल 50 से 100 साल पुराने भवनों में संचालित हो रहे हैं। कुछ स्कूल भवन ऐसे हैं, जो अपनी उम्र के हिसाब से शिक्षा जगत की धरोहर माने जाते हैं, पर इन्हें सुरक्षित रखने या मरम्मत के लिए विभाग की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जिसकी वजह से यह गिरने की कगार पर हैं।
पूर्व माध्यमिक शाला हिन्दी स्कूल
सिहोरा नगर की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला हिन्दी स्कूल बदहाली का शिकार है। जर्जर और पुराने हो चुके स्कूल के भवन अब मरम्मत की बाट जोह रहा है। करीब साल भर पहले बारिश के समय एक हिस्से की खपरैल की छत गिर गई थी। स्कूल के शिक्षकों ने कई बार नगर पालिका प्रशासन से इसे ठीक कराने के लिए आवेदन दिया, लेकिन बजट का बहाना बनाकर सुधार नहीं कराया गया।
प्राथमिक शाला खितौला बस्ती
खितौला बस्ती क्षेत्र में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला का स्कूल भवन 1953 का बना हुआ है। भवन का छप्पर निकला हुआ है। दीवारें इतनी जर्जर हो चुकी हैं। स्कूल भवन को डैमेज घोषित किया जा चुका है। नई बिल्डिंग नहीं बनने से पुरानी बिल्डिंग में स्कूल संचालित हो रहा है। स्कूल में 120 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।
माध्यमिक शाला हृदय नगर
माध्यमिक शाला हृदय नगर का स्कूल भवन करीब 80 साल पुराना है। पुरानी हो चुकी दीवारें और जगह-जगह से उखड़े खपरैल स्कूल की दयनीय स्थिति को बयां करते हैं। हृदय नगर माध्यमिक शाला में करीब डेढ़ सौ के लगभग ग्रामीण क्षेत्रों की छात्र-छात्राएं पढऩे के लिए पहुंचते हैं।
शिक्षा विभाग ने वार्षिक कार्य योजना के तहत सभी विकासखंडों के बीआरसी से जर्जर हो चुके स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए डिमांड प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है। प्रस्ताव के आधार पर स्कूलों की मरम्मत के लिए राशि जारी की जाएगी।
डॉ. आरपी चतुर्वेदी, जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक
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