हर महीने बढ़ते गए केस
20 मार्च – 04 – 00 – शुरुआत
31 मार्च – 08 – 00 – 12 दिन
30 अप्रैल – 84 – 01 – 30 दिन
31 मई – 239 – 09 – 73 दिन
30 जून – 405 – 14 – 103 दिन
31 जुलाई – 1304 – 29 – 134 दिन
बिना अनुमति पार्टी के आयोजन और एक शादी से बनी कोरोना ने कहर ढाया। इस चेन से अभी तक कुछ कार्यालय और कॉलोनियों में अभी तक संक्रमित मिल रहे हैं। अचानक मामले बढऩे और सरकारी अस्पतालों में सीमित सुविधा होने के चलते प्रशासन ने ए-सिम्पाटामेटिक कुछ कोरोना संक्रमितों के घर में सुविधा होने पर होमआइसोलेशन की सुविधा दी। कॉन्टेक्ट हिस्ट्री वाले संदिग्धों को होम क्वारंटीन किया। लेकिन, कई लोगों ने क्वारंटीन और आइसोलेशन नियमों को नहीं माना। इनकी लापरवाही से परिवार और नजदीकी संक्रमित हो गए। कुछ लोगों की लापरवाही ने उनके पूरे परिवार को संक्रमित कर दिया। कुछ परिवार में वरिष्ठ सदस्यों का साथ जिंदगी भर के लिए छूट गया। होम आइसोलेशन और क्वारंटीन लोगों के नियम नहीं मानने से आसपास के लोग भी जाने-अनजाने संक्रमण की चपेट में आ गए। जबलपुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार से अपील की है कि आगे 15 दिनों के लिए जबलपुर में सख्त लाक डाउन लगाया जाए। मप्र कोरोना सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. जितेंद्र जामदार ने नागरिकों से अपील की है कि वे जबलपुर में बढ़ते संक्रमण में स्वेच्छा से लॉक डाउन अपना कर सहयोग करें और अपने आसपास सभी को बचाव के साधन अपनाए जाने के लिए प्रेरित भी करें। एनएससीबीएमसी के कोविड आइसोलेशन इंचार्ज डॉ. संजय भारती ने बताया कि संक्रमण के मामले बढ़ रहे है। गम्भीर हालत में कई केस अस्पताल पहुंच रहे है। संक्रमण पर नियंत्रण के लिए उपायों पर विचार करना होगा। संदिग्ध लक्षण पर लोग तुरंत अस्पताल में जाकर जांच कराएं। हर प्रकार की सावधानी के साथ पॉजिटिव के सम्पर्क में आने पर स्वयं को 7-10 दिन के लिए क्वारंटीन करना जरूरी है।
एनएसीबीएमसी के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. जितेन्द्र भार्गव ने बताया कि शॉर्टटर्म लॉकडान लेना चाहिए। इससे संंक्रमण पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। लेकिन, अभी की स्थिति लॉकडाउन से भी कोरोना की चेन समाप्त नहीं होगी। इसके लिए जरूरी है कि लॉकडाउन के साथ ही अनलॉक पर विचार करते हुए व्यापक रणनीति बनाई जाएं। तय करना होगा कि जब 10-14 दिन के लॉकडाउन के बाद अनलॉक में क्या करेंगे? क्योंकि जब तक सरकार और प्रशासन बिहेवियर चेंजेस लाने की नीति नहीं बनाएंगे, कोरोना संक्रमण से उबरना मुश्किल है। अपने यहां फिजिकल डिस्टेंसिंग रखना, मास्क लगाना, सेनेटाइजेशन तक सही तरीके से नहीं हो रहा है। इन्हे ंकोरोना से लड़ाई में लोग अभी तक अनिवार्य नहीं समझ़ते है। यह जिम्मेदारी सरकार अब सिर्फ आम लोगों पर न छोड़ें। रुपयों के लेन-देन के दौरान सेनेटाइजेशन में लापरवाही हो रही है। ऐसे में डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहित करना चाहिए। रोजाना कमाने-खाने वालों की समस्या के लिए एनजीओ को जिम्मेदारी देना चाहिए। ऐसा समन्वय केंद्र बनाना चाहिए जहां लोग मजदूर की जरुरत की जानकारी दें और मजदूर को काम की जानकारी मिलें। ऐसे प्रयासों की ओर सरकारी और प्रशासन को फोकस करके बिहेवियर चेंज में परिवर्तन लाकर ही कोरोना चेन पर अंकुश लगाया जा सकता है।