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खुद रखें आंखों का ख्याल, अनमोल है रोशनी

locationजबलपुरPublished: Oct 09, 2019 10:08:15 pm

Submitted by:

abhimanyu chaudhary

वल्र्ड साइट डे स्पेशल स्टोरी

eye care tips in hindi

आंखों पर पडऩे लगा है गर्मी और तेज धूप का असर, अस्पतालों में बढऩे लगी है मरीजों की संख्या

जबलपुर, जो लोग अपनी आंखों से दुनिया नहीं देख सकते हैं, उनके दर्द को समझिए तो अपनी आंखों की अनमोल रोशनी की अहमियत महसूस होती है। कुछ लोगों की रोशनी दुर्घटना और अन्य कारणों से चली जाती है जबकि, कुछ एेसे भी मरीज हैं जो अपनी लापरवारी से आंखों की रोशनी गवांकर अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इसलिए आंखों की रोशनी बनाए रखने के लिए खुद सतर्क रहने की आवश्यकता है।
पूरी दुनिया में अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को वल्र्ड आइ साइट डे मनाया जाता है। दृष्टि दिवस में जन्मजात एवं अन्य कारणों से दृष्टि बाधित हुए लोगों की आंखों की रोशनी के प्रयास के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लोग शपथ लेते हैं कि नेत्रदान करेंगे ताकि नेत्र प्रत्यारोपण से कुछ लोगों को रोशनी मिल सकें लेकिन नेत्रदान का प्रतिशत बहुत कम है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन करीब एक सैकड़ा मरीज पहुंच रहे हैं। हर सप्ताह १ या दो मरीज एेसे होते हैं जिन्हें नेत्र प्रत्यारोपण की आवश्यकता है लेकिन मेडिकल कॉलेज आई बैंक दो साल में महज २६ मरीजों का नेत्र प्रत्यारोपण हो सका।
आंखों से दृष्टि जाने के कारण
-कम रोशनी में मोबाइल या टेलीविजन देखना
-कम रोशनी में किताब पढऩा
– संकामक रोग होने पर इलाज में लापरवाही
-मोतियाबिंद या काला मोतिया होना
-आंखों में चोट के कारण
-अत्यधिक तेज धूप में रहना
-आंखों में प्रदूषण का दुष्प्रभाव
एेसी होती है आंखों में विकृति
-पलक का अंदर या बाहर की ओर मुडऩा
-आंखों में पानी की कमी
-कॉर्निया डैमेज होना
-आंख की झिल्ली खराब होना
-आंख में लैंस खराब होना
-नस (ऑप्टिक नव्र्स ) में विकृति आना-

-वर्जन-
कई कारणों से आंखों की दृष्टि चली जाती है। पारदर्शी अग्रिम भाग कार्निया और नेत्र गोलक के सफेद भाग स्केलरा का प्रत्यारोपण किया जाता है। नेत्रदान पर्याप्त हों तो बहुत से एेसे लोगों की आंखों को रोशनी मिल जाएगी, जो देंख नहीं पा रहे हैं।
डॉ. परवेज अहमद, पोफेसर, मेडिकल कॉलेज जबलपुर

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