31 तक बंद स्कूलों में पढ़ाई की नई शुरुआत, पहले ही दिन दिखी जागरूकता, 80 हजार छात्र पढ़ाई से हुए कनेक्ट
जबलपुर
Updated: January 18, 2022 12:09:39 pm
जबलपुर।
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूलों को 31 जनवरी तक बंद रखा गया है। एेसे में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होने का खतरा मंडरा गया था। इसे देखते हुए सोमवार से घर पर ही स्कूल की तर्ज पर कक्षाओं की शुरुआत की गई। जिले में 80 हजार छात्र पढ़ाई से जुड़े। मेंटर बने शिक्षकों एवं अभिभावकों ने थाली घंटी बजाकर कक्षाओं की शुरुआत की। बच्चों ने भी थाली बजाकर गांव में जागरूक किया। इपीइएस शाला कुबरहट, प्राथमिक शाला बहदन, माध्यमिक शाला परासिया, उत्कृष्ठ कुंडम आदि में एेसा ही नजारा रहा। 10 बजे कक्षाएं लगी तो वहीं 1 बजे घंटी बजाकर छुट्टी की। जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं थे वहां मेंटर शिक्षकों ने बच्चों को एक जगह एकत्रित कर कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई कराई।
शिक्षकों को भेजा पाठयक्रम
कक्षाओं की शुरुआत के पहले शिक्षकों के मोबाइल पर डिजिलेप के वीडियो कक्षा के वाट्सऐप गु्रप में ऑडिया वीडियो आधारित पाठय सामग्री भेजी गई जिन्हें बच्चों के बनाए गए ग्रुप में शेयर की गई। जिनके पास मोबाइल नहीं है, उन बच्चों के पास गृह सम्पर्क के रूप में कार्य का अवलोकन किया गया। बच्चों को गृहकार्य जैसे एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका भी दी गई।
500 मेंटर ने कराई पढ़ाई
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता देखी गई। सिहोरा, मझौली, कुंडम आदि क्षेत्रों के गांवों में घंटी एवं थाली बजाकर कक्षाओं की शुरुआत की गई। करीब 500 मेंटरों ने बच्चों को पढ़ाने में भूमिका निभाई। 1.37 लाख छात्रों में से पहले ही दिन करीब 80 हजार छात्र पढाई से जुडे। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों का डीपीसी आरपी चतुर्वेदी, एपीसी घनश्याम बर्मन, तरुण राज दुबे, बीआरसी इंद्रमणी त्रिपाठी ने पनागर, मझौली क्षेत्रों का दौरा कर पढ़ाई की जानकारी ली।
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-स्कूल बंद होने से हमारा घर हमारा विद्यालय कानसेप्ट पर आज से पढ़ाई की नई शुरूआत की गई। पहले ही दिन जागरूकता देखी गई ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बच्चे जुड़े। यह क्रम सतत जारी रहेगा।
-डा.आरपी चतुर्वेदी, जिला परियोजना समन्वयक
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