नए कोचिंग डिपो को बनाने के लिए मिला था केन्द्र सरकार से बजट
Bhopal-Howrah Express will stop at Beohari and Bargawan railway station
जबलपुर, केन्द्र सरकार ने हाऊबाग में कोचिंग डिपो बनाने की मंजूरी बजट में दी। इसके साथ ही पांच करोड़ रुपए की राशि का भी आवंटन किया गया। लेकिन हाऊबाग में कोचिंग डिपो बनाया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। यदि जबलपुर रेल मंडल यहां नया कोचिंग डिपो बनाता है, तो टै्रक बिछाने से लेकर नया स्ट्रक्चर तक खड़ा करना पड़ेगा। जिसमें राशि तो अधिक खर्च होगी है साथ ही समय भी अधिक लग सकता है। ऐसे में रेलवे ने कछपुरा में ही नया कोचिंग डिपो बनाने का प्रस्ताव बना लिया है। जानकारों की माने तो इसे रेलवे मुख्यालय भी भेज दिया गया है। मुख्य रेलवे स्टेशन से शुरू होने वाली ट्रेने:- 16 मदन महल स्टेशन से शुरू होने वाली ट्रेने:- 04 अधारताल रेलवे स्टेशन से शुरू होने वाली ट्रेने:- 02 मुख्य कोचिंग डिपो एक नजर में – प्लेटफॉर्म क्रमांक एक के पास – रोजाना 20 से अधिक ट्रेनों का मैंटेनेंस – एक ट्रेन के मैंटेनेंस में लगता है छह घंटे का समय टे्रने बढ़ेंगीं, तो बढ़ेगी परेशानी एक ट्रेन के मैंटेनेंस में छह घंटे का समय लगता है। ऐसे में कई बार जब ट्रेने लेट हो जाती हैं, तो वॉशिंग पिट खाली न होने के कारण उन्हें यार्ड में ही खड़ा रखा जाता है। जिस कारण उनका मैंटेनेंस देरी से होता है और वे देरी से रवाना हो पाती है। इस कारण यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। कोचिंग डिपो और पिटलाइन कुल पिटलाइन:- 06 खराब कोचों को शिफ्ट करने के लिए उपयोग:- 02 कोचों की मरम्मत के लिए:- 01 इंजन बदलने के लिए खाली रहने वाली:- 01 सफाई व धुलाई के लिए पिटलाइन:- 02 आधा दर्जन का मैंटेनेंस कछपुरा में बनने वाले नए कोचिंग डिपो में आधा दर्जन ट्रेनों का मैंटेनेंस किया जाएगा। जिससे मुख्य कोचिंग डिपो में होने वाली ट्रेनों की भीड़ कम होगी। इसके बाद मुख्य रेलवे स्टेशन समेत मदन महल से नई ट्रेनों का संचालन भी शुरू किया जा सकता है। हाऊबाग में यह समस्याएं – रेल ट्रैक नहीं – बजट में कम राशि – लिंक लाइन मदन महल और मुख्य स्टेशन तक नहीं कछपुरा में यह फायदा – पहले से बनाया गया है स्ट्रक्चर – ट्रेनों का हो चुका है मैंटेनेंस – मदन महल और मुख्य स्टेशन से ट्रैक लिंक अस्थाई ने बताई अहमियत मुख्य रेलवे स्टेशन पर 29 जुलाई से 23 अगस्त तक रीमॉडलिंग का कार्य किया गया। इस दौरान कछपुरा स्टेशन में अस्थाई मैंटेनेंस डिपो बनाया गया। यहां टे्रनों की साफ सफाई से लेकर उनकी तकनीकी जांच के लिए अधिकारियों कर्मचारियों को तैनात किया गया। इस दौरान यह पाया गया कि यदि यहां ट्रेनों का मैंटेनेंस होता है, तो समय में बचत होती है। इसके बाद से रेल अफसरों ने यहां पर भी कोचिंग डिपो बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया था। मशीनें होंगीं इस्टॉल, लगेंगें उपकरण जानकारी के अनुसार पहले चरण में यहां स्ट्रक्टर बनाया जाएगा। जिसके बाद मशीनों का इंस्टॉल करने के साथ ही उपकरण लगाए जाएंगें। मुख्य कोचिंग डिपो से यहां पर अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। वर्जन
बजट में हाऊबाग में कोचिंग डिपो बनाए जाने के लिए राशि मिली थी, लेकिन यहां कई सारी परेशानियां हैं। नया कोचिंग डिपो कछपुरा रेलवे स्टेशन में ही तैयार करने की योजना पर काम किया जा रहा है। बसंत शर्मा, सीनियर डीसीएम, जबलपुर रेल मंडल