बता दें कि पुलिस को जांच के दौरान पता चला था कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के वॉयल पर चस्पा रैपर में स्पेलिंग मिस्टेक है। अब इसकी पुष्टि इन आरोपियों ने की है। ताजा जानकारी के अनुसार आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे उनके वॉयल पर चस्पा स्टीकर्स असली इंजेक्शनों को देखकर ही बनाए गए थे, जब ये इंजेक्शन बनकर तैयार हो गए तब इन्हें मरीजों को लगाने के लिए भेजा गया। इसका खुलासा कौशल वोरा एवं पुनीत शाह ने पूछताछ में किया।
ये भी पढ़ें- fake remdesivir injection case में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, जानें ऐसा क्या हुआ… इतना ही नहीं, पूछताछ में यह भी पता चला है कि नकली रेमडेसिविर बनाने वाले मास्टर माइंड कौशल वोरा और पुनीत शाह काफी समय से मेडिकल डिस्पोजल बनाते रहे। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच पूरे देश में जब रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढी तभी कौशल के हाथ माइलोन कंपनी का असली रेमडेसिविर इंजेक्शन लग गया। इसके बाद उसने उक्त असली इंजेक्शन के स्टीकर की फोटो कॉपी करवाई और असली इंजेक्शन का बैच नंबर भी सभी नकली इंजेक्शनों के वॉयल पर चस्पा कर दिया।
एसआईटी की पूछताछ में कौशल और पुनीत ने यह भी बताया है कि उन्होंने सुनील मिश्रा को इंजेक्शन दिए थे। इसके बाद सुनील ने भी यह स्वीकार किया है कि उसने 500 इंजेक्शनों का स्टॉक भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन के माध्यम से सरबजीत सिंह मोखा के सिटी अस्पताल तक पहुंचाया था।
आरोपियों से एसआईटी की पूछताछ जारी है। जानकारी के अनुसार और धीरे-धीरे कौशल और पुनीत इंजेक्शन बनाने की पूरी प्रक्रिया का खुलासा भी कर रहे हैं।