scriptfake remdesivir injection Case में नया खुलासा, कालाबाजारियों ने 300 गुना तक का कमाया मुनाफा | new disclosure In fake Remdesivir injection case | Patrika News

fake remdesivir injection Case में नया खुलासा, कालाबाजारियों ने 300 गुना तक का कमाया मुनाफा

locationजबलपुरPublished: Jun 24, 2021 11:03:48 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-कोरोना मरीजों से लूट का खुलासा, 50 रुपये का इंजेक्शन 15-18 हजार में बेंचा गया-fake remdesivir injection Case की कालाबाजार में गिरफ्तार आरोपियों ने कबूला

असली व नकली रेमडेसिवि इंजेक्शन

असली व नकली रेमडेसिवि इंजेक्शन

जबलपुर. कोरोना की दूसरी लहर में कालाबाजारियों ने जबजरदस्त लूट मचाई। नकली दवाओं और इंजेक्शन को बाजार में उतार कर जहां संक्रमित मरीजों की जान से खिलवाड़ किया गया, कई मरीजों की जान चली गई। जो किसी तरह जान बचाने में सफल रहे उनसे जमकर लूट हुई। इसका खुलासा fake remdesivir injection Case बनाने, बेचने वाले आरोपियों ने किया है।
कोरोना संक्रमित मरीजो से किस स्तर पर लूट हुई उसका खुलासा इसी से होता है कि महज 50 रुपये में तैयार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के एवज में मरीजों से 15-18 हजार रुपये वसूले गए। सूत्र बताते हैं कि एसआईटी की पूछताछ में इन कालाबाजारियों ने बताया है कि नकली रेमडेसिवि इंजेक्शन का एक वॉयल महज 50 रुपये में तैयार होता था जिसे विभिन्न चरणों में अस्पताल संचालकों तक 48 हजार रुपये में पहुंचना दर्शाया जाता था। लेकिन अस्पताल संचालक इसे अपने यहां भर्ती मरीजों से 15-18 हजार रुपये वसूलते थे।
प्रोडक्शन वारंट पर गुजरात से जबलपुर लाए गए आरोपी सपन जैन, सुनील मिश्रा, कौशल वोरा और पुनीत शाह ने जो एसआईटी को बताया है उसे जान कर सामान्य आदमी चौंक जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इन आरोपियों ने बताया है कि सूरत में नकली इंजेक्शन की फैक्ट्री चलाने वाले कौशल व पुनीत शाह 50 रुपए की लागत से तैयार एक नकली इंजेक्शन 1700 रुपए में सुनील मिश्रा को बेचते थे। सुनील इसे सपन जैन को 3000 रुपए में देता रहा और सपन ने इसे सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत मोखा को 4800 रुपए में देने का सौदा किया था।
सपन ने एसआईटी को बताया है कि मोखा का साफ कहना था कि इंजेक्शन के नाम पर कुछ भी लाओ, सब चलेगा। मोखा ने मरीजों से एक इंजेक्शन के एवज में 15 से 18 हजार रुपए तक वसूल किए। हालांकि उसने बिल में इसे 4800 रुपए में ही देना दर्शाया है। बताया जा रहा है कि मोखा के सिटी अस्पताल में 171 मरीजों को 209 नकली इंजेक्शन लगे थे। इसमें नौ की मौत हुई थी। एसआईटी ने इन मरीजों के परिजनों से संपर्क साधा तो 30 मरीज के पास ही कोरोना इलाज से संबंधी बिल मिल पाए। अधिकतर मरीजों को उसने इलाज का कोई बिल दिया ही नहीं था। अमूमन वह डिस्चार्ज स्लिप पकड़ा देता था।
एसआईटी सूत्रों की मानें, तो चारों आरोपियों की पुलिस रिमांड सोमवार को समाप्त हो रही है। शाम को चारों को मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके बाद उनको लेकर एसआईटी की 10 सदस्यीय टीम गुजरात रवाना होगी। एसआईटी टीम अपने साथ सिटी अस्पताल के दवा कर्मी देवेश को भी ले जा रही है। इसी दौरान, एसआईटी, देवेश और सपन जैन का आमना-सामना भी कराया जाएगा। सोमवार रात या फिर मंगलवार सुबह टीम आरोपियों को लेकर रवाना हो सकती है।
मुख्य कालाबाजारियों ने किया ये कबूल

-आरोपियों ने कुल 10,100 इंजेक्शन तैयार कराए थे
-रीवा के सुनील मिश्रा ने 1200 इंजेक्शन 1700 रुपए की दर से खरीदे
-सुनील ने 700 इंदौर तो 500 इंजेक्शन भगवती फार्मा संचालक जबलपुर निवासी सपन जैन को तीन हजार रुपए की दर से बेचे
-सपन ने 465 इंजेक्शन सिटी अस्पताल के डायरेक्टर का 4800 रुपए की दर से दिया
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