वार्ड नम्बर 57 महर्षि महेश योगी वार्ड को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई। इसमें कहा गया कि इस वार्ड का क्रमांक 60 प्रस्तावित है। इससे पहले भी चितरंजन वार्ड, मोतीलाल नेहरू वार्ड और फिर महर्षि महेश योगी वार्ड, ऐसे कई बदलाव किए जा चुके हैं। इसमें आरोप लगाया कि गया कि वार्ड के लोगों के साथ भेदभाव होता आ रहा है। नम्बर बदलने से उन्हें आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आइडी, पैन कार्ड और दूसरे दस्तावेजों में बार-बार परिवर्तन करवाना पड़ता है।
चितरंजन वार्ड को लेकर आई आपत्ति में कहा गया है कि प्रस्तावित जनसंख्या एवं वर्ष 2014 के परिसीमन में वार्डों की जनसंख्या समान है तो फिर नए परिसीमन व क्षेत्र से छेड़छाड़ क्यों की जा रही है। इसमें कहा गया कि प्रस्तावित चितरंजन वार्ड में 2014 में जनसंख्या 13 हजार 412 थी। प्रस्तावित वार्ड में यह 13 हजार 779 है, यह औसत के निकट है। इसलिए परिसीमन निराधार है।
यह आपत्तियां भी
– प्रस्तावित वार्ड 80 में संत रविदास नगर को तीन वार्ड महाराजपुर, अमखेरा एवं रिछाई से मुक्त किया जाना चाहिए।
– खेरमाई वार्ड 55 के बूथ क्रमांक 167 को भी नए वार्ड में जोड़ा जाए। वार्ड की दक्षिण सीमा पर जताई आपत्ति।
– कमला नेहरू वार्ड में दया नगर, जयनगर एवं न्यू आदर्श कॉलोनी का क्षेत्र अलग कर दिया जाना चाहिए।
– जवाहर लाल नेहरू वार्ड नं. 57 से बूथ नं. 193-194 को किसी अन्य वार्ड में जोड़ दिया गया है यह उचित नहीं है।
-आपत्ति में कहा गया कि कस्तूरबा गांधी वार्ड में विवेकानंद वार्ड का हिस्सा बूथ क्रमांक 137, 138 साहिब परिसर, हर्षित नगर, विवेकानंद गार्डन का हिस्सा जोड़ा गया है, जोकि कि भौगोलिक सीमा से अलग है उसे अलग किया जाना चाहिए।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर भरत यादव ने कहा कि वार्ड के परिसीमन को लेकर लोगों से दावे-आपत्तियां स्वीकार की गई हैं। आगामी दो दिनों में इनका निराकरण किया जाएगा। इसके उपरांत प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।