जबलपुर. लोकसभा चुनाव के बाद बिजली आम उपभोक्ताओं को झटका दे सकती है। वर्तमान में अधिक बिल की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को और भी अधिक बिल बिजली कंपनियों को चुकाना होगा। क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद नया ट्रैफिर बिल पेश होकर लागू हो जाना चाहिए था, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण नया टैरिफ न तो पेश हुआ और न ही लागू हो सका। लेकिन अब इसके लिए फिर से कवायद शुरू हो गई है। बिजली कंपनी के अधिकारी नया टैरिफ बनाने जुट गए है, एेसा माना जा रहा है कि आने वाले कुछ समय बाद बिजली उपभोक्ताओं को झटका देगी।
बिजली का नया टैरिफ न पेश हुआ और न ही लागू हो पाया। कारण था विधानसभा और लोकसभा चुनाव, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद बिजली उपभोक्ताओं को झटका दे सकती है। जानकारों की मानें तो चुनाव के बाद नए टैरिफ में सुनवाई के साथ ही उसे लागू किया जा सकता है। माना जा रहा है कि नए टैरिफ में आम उपभोक्ताओं पर बिल का बोझ बढ़ सकता है।
मई २०१८ में लागू हुआ था नया टैरिफ
मई २०१८ में नया टैरिफ बिल लागू हुआ था। नियमानुसार वित्तीय वर्ष २०१९ के लिए नया टैरिफ दिसंबर में तैयार कर पेश कर दिया जाना चाहिए था। चुनाव के चलते बिजली कम्पनियों ने इसे टाला और फिर आचार संहिता लग गई।
जून में हो सकता है लागू
बिजली कम्पनियों के अधिकारियों की मानें तो मई के बाद टैरिफ याचिका पर सुनवाई होगी। सम्भवत: जून या जुलाई से नया टैरिफ लागू हो सकता है।
वर्तमान में यूनिट के आधार पर स्लैब और चार्ज
यूनिट – राशि प्रति यूनिट रुपए – फिक्स चार्ज
० से ३० – ३.१० – ००
० से ५० – ३.८५ – ५० रुपए शहर, ३५ रुपए ग्रामीण प्रति कनेक्शन
५१ से १०० – ४.७० – ९० रुपए शहर, ६५ रुपए ग्रामीण प्रति कनेक्शन
१०१ से ३०० – ६.०० – २० रुपए शहर, १७ रुपए ग्रामीण प्रति १०० वॉट
(पहले फिक्स चार्ज आधा किलोवाट पर १०० रुपए शहरी और ८५ रुपए ग्रामीण था)
३०० यूनिट से अधिक – ६.३०-२२ रुपए शहर, २१ रुपए ग्रामीण प्रति १०० वॉट
(पहले फिक्स चार्ज आधा किलोवाट पर ११० रुपए शहरी और १०५ रुपए ग्रामीण में था)