जिले में 2 हजार से ज्यादा सराफा दुकानें संचालित होती है। इन सभी के लिए अब हॉलमार्क ज्वेलरी बेचना अनिवार्य कर दिया गयाा है। हालांकि नॉन हॉलमार्क ज्वेलरी को बेचने के लिए उनके पास 31 अगस्त तक का समय होगा। लेकिन जो भी नए आभूषण बुधवार से बनाए जाएंगे, वे हॉलमार्क ही होंगे। एक सितंबर से सभी सराफा कारोबारी सिर्फ हॉलमार्क ज्वेलरी बेचेंगे। ऐसे में अब पुराने जेवर की बिक्री तेज होगी। जो माल बचेगा उसे हॉलमार्क के लिए गलाया जाएगा। सराफा एसोसिएशन ने नए कानून को सराहते हुए कारोबारियों से इसका पालन करने की बात कही है।
500 कारोबारी पंजीयन के दायरे में
हॉलमार्क कानून के तहत 40 लाख से ज्यादा वार्षिक टर्नओवर वाले दुकानदारों को रजिस्टे्रशन कराना होगा। वे लाइसेंस लेंगे। लेकिन जिले में ऐसे करीब 5 सौ कारोबारी हैं जो इस दायरे में आएंगे। बांकी लगभग 15 सौ दुकानदारों को इसकी आवश्यकता नहीं होंगी। लेकिन उन्हें भी हॉलमार्क ज्वेलरी ही बेचना पडेग़ा। सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष राजा सराफ ने बताया कि कारोबारी इस कानून के साथ चलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि नई बुकिंग इसी कानून के तहत की जा रही है। ग्राहकों को इसकी जानकारी दी गई है। उन्होंनें बताया कि अब हॉलमार्क में तीन की जगह पांच श्रेणियां होंगी। इनमें 14, 18, 20, 22,23 और 24 कैरेट शामिल है।