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Political Scenario in Jabalpur : हमारे पास यह है, वह है, बहुत कुछ है…क्या है आपके पास?

locationजबलपुरPublished: Sep 09, 2019 07:52:48 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर में सरगर्म हो रही राजनीति, उछाले जा रहे जुमले
Political Scenario in Jabalpur : हमारे पास यह है, वह है, बहुत कुछ है…क्या है आपके पास?
New Scenario – Politics is taking place in Jabalpur

neta

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जबलपुर। कहने को इस समय चुनाव नहीं हैं। मध्यप्रदेश और यहां के जबलपुर में हाल-फिलहाल में भी चुनाव नहीं होने हैं। क्योंकि, निगम चुनाव पर असमंजस बना हआ है। इसके बावजूद जबलपुर में चुनावी जुमलेबाजी सरगर्म है। यहां के भाजपा और कांग्रेस नेता इन दिनों सीना तानकर चल रहे हैं। भाजपा कुछ ज्यादा मुखर है। उसे होना भी चाहिए। केंद्र में भाजपा सरकार के सौ दिन पूरे हुए हैं। भाजपाइयों के मुताबिक उनके सौ दिन धमाकेदार हैं। उनके नेताओं के पास गिनाने के लिए बहुत कुछ है। अनुच्छेद 370 का हटाया जाना। तीन तलाक पास करा लेना। वाहन अधिनियम बनाया है। कर्नाटक में सरकार बना ली। तभी तो जबलपुर वाले भाजपा नेता कांग्रेस वालों के सामने धमक से कह रहे हैं कि हमारे पास कश्मीर है। कर्नाटक है। तीन तलाक है। राज्यसभा में नम्बर गेम है। सिक्किम में भी शानदार मौजूदगी है। फिर सवाल पूछते हैं कि कांग्रेस के पास क्या है? कांग्रेस भी पीछे नहीं है। उनके नेता भी धमक से कहते हैं कि भाजपा वाले कुछ भी कहें। लेकिन, मप्र में कांग्रेस की सरकार का बाल नहीं बांका कर पाए। वे हर मुद्दे पर कांग्रेस की सरकार को प्रदेश में सफल बता रहे हैं।
कुछ भी हो, हलचल जारी है
देश की राजनीति का दिशा और दशा चाहे जो हो, लेकिन जबलपुर में मामला बराबरी का है। प्रदेश में भाजपा सरकार थी तो जबलपुर से एक मंत्री बनाए गए थे। अब कांग्रेस सरकार में दो मंत्री हैं। आम जनता की बात जाए, तो अभी भी खेमे हैं। भाजपा वाले कहते हैं कि शहर से दो मंत्री होने का कोई फायदा नहीं है। कांग्रेस वाले कहते हैं कि शहर में विकास के नए आयाम लिखे जा रहे हैं। दोनों दलों से जुड़े लोगों को तो अच्छा-बुरा उनके चश्मे से अलग ही दिखेगा। लेकिन, आम जनता का मिजाज अलग है। उसे तो हल्की बारिश में भी जलभराव से दो-चार होना पड़ा रहा है। सड़कें हड्डीतोड़ हो गई हैं। सीवर लाइन के गड्ढे जानलेवा हो चले हैं। गलियां, बस्तियां गंदगी से बजबजा रही हैं। नालियां जाम हैं। बीमारियों सिर चढ़कर बोल रही हैं। वे अपनी समस्याओं को रोना किसके पास रोएं, यही नहीं तय कर पा रहे हैं। कांग्रेस वाले कहते हैं नगर सरकार भाजपा की है। शहर की समस्याओं के लिए भाजपा जिम्मेदार है। भाजपा वाले कहते हैं शहर में दो मंत्री कांग्रेस के हैं। सरकार उनकी है। बजट पास कराएं। समस्याएं हल कराएं। फिलवक्त दोनों दल मजे में हैं। भाजपा राष्ट्रीय मुद्दों की नाव पर सवार है। कांग्रेस बदलाव के नारों के बीच व्यस्त है। ऐसे में ***** रही है आम जनता। क्योंकि सड़कें नहीं चलतीं। चलते तो उनपर लोग हैं। सड़कें बनाई जाती हैं। टूट अपने आप जाती हैं।

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