script25 फीसदी जुर्माने के डर से सिस्टम में करेंगे सुधार | New system in MP Medical University | Patrika News

25 फीसदी जुर्माने के डर से सिस्टम में करेंगे सुधार

locationजबलपुरPublished: Dec 29, 2019 09:39:52 pm

Submitted by:

shyam bihari

मध्यप्रद्रश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय फिलहाल संचालित कॉलेजों को सम्बद्धता हासिल करने के लिए चार मौके देगा।

Para teacher education workers committee constituted

Para teacher education workers committee constituted

मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में नई व्यवस्था

जबलपुर। मध्यप्रद्रश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय फिलहाल संचालित कॉलेजों को सम्बद्धता हासिल करने के लिए चार मौके देगा। पहली बार में आवेदन करने पर कॉलेजों को सिर्फ निरंतरता और आवेदन का शुल्क जमा करना होगा। लेकिन, आखिरी मौके पर आवेदन करने वालों पर कुल शुल्क का पच्चीस प्रतिशत जुर्माना वसूलेगा। विवि प्रशासन ने सत्र 2019-20 की सम्बद्धता प्रक्रिया को लेकर ये निर्णय किया है। अगले महीने की 29 तारीख तक प्रक्रिया पूरी नहीं करने पर कॉलेज विवि से असम्बद्ध हो जाएंगे। छात्र-छात्राएं विवि की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगी।
अब हाइटेक सिस्टम
विवि ने सम्बद्धता के लिए निरंतरता की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। कॉलेजों को निरंतरता के लिए विवि के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यूजर मैनुअल लिंक प्राप्त करके संबद्धता का आवेदन भरना होगा। आवेदन के निर्धारित शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन होगा। कॉलेज इच्छानुसार एनइएफटी/आरटीजीएस और कॉर्ड पेमेंट के जरिए शुल्क जमा कर सकेंगे।
चार फैकल्टी के लिए आदेश
-मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेद, यूनानी, नैचुरोपैथी, होम्योपैथी
बढ़ता जाएगा शुल्क
-05 जनवरी, 2020 तक कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं
– 13 जनवरी, 2020 तक 10 प्रतिशत विलम्ब शुल्क
– 21 जनवरी, 2020 तक 15 प्रतिशत विलम्ब शुल्क
– 29 जनवरी, 2020 तक 25 प्रतिशत विलम्ब शुल्क
नई व्यवस्था के बारे में मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. आरएस शर्मा का कहना है किकॉलेजों को सम्बद्धता की निरंतरता के लिए आवेदन के चार अवसर दिए जा रहे है। विलम्ब से आने पर कुल शुल्क का अधिकतम 25 प्रतिशत तक विलम्ब शुल्क देय होगा। नई व्यवस्था को लेकर जानकारों का कहना है कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आ सकती है। हालांकि, लापरवाही करने वालों को खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। इसके चलते जिम्मेदारों को सतर्क रहना होगा।
जानकारों को यह भी कहना है कि हाइटेक सिस्टम होने का फायदा संस्थानों को उठाना चाहिए। इससे उनका सत्र नियमित हो जाएगा। छात्रों को चक्कर काटने से भी छुटकारा मिल सकता है। छात्रों को भी अपडेट रहने का मौका रहेगा। उन्हें अपनी जरूरतों पर ध्यान देने का प्लेटफॉर्म मिल जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो