-एमबीए द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर
-बीए प्राइवेट प्रथम, द्वितीय, तृतीय वर्ष
-एमए प्राइवेट
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इन परीक्षाओं में मिले सर्वाधिक मामले
-बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए, एमएससी, एलएलबी, एमबीए
केस-1
स्मार्ट वॉच में सेव थे उत्तर
पिछले दिनों रादुविवि में बीकाम पांचवे सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान एक छात्र को स्मार्ट वॉच के सहारे नकल करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। छात्र ने घडी में उत्तर शार्ट कर्ट में लिखे हुए थे। पकड़े जाने पर छात्र ने परीक्षा अधिकारियों को पासवर्ड भी नहीं बताया।
केस-2
ब्लूटूथ डिवाइस से कर रहा था नकल
छिदंवाडा़ जिले की पीजी कॉलेज में बीए सेकेंड ईयर की परीक्षा के दौरान गत वर्ष एक छात्र को ब्लूटूथ डिवाईस के सहारे नकल करते हुए पकड़ा गया। छात्र को उसका परिचित प्रश्नों के उत्तर बता रहा था। विवि प्रशासन ने उक्त डिवाईस को जप्त किया तो वहीं छात्र के सभी पेपर निरस्त कर दिए।
केस-3
फ्लेरो सेंट कलर से लिखी नकल
एमएससी के एक छात्र ने पीजी कॉलेज नरसिंहपुर में परीक्षा के दौरान अनोखा मामला प्रकाश में आया। छात्र ने सफेद फ्लोरोसेंट कलर से उत्तर लिखे थे। वीक्षक ने जब नकल पकड़ी तो समझ में नहीं आया। जब कागज पर नीले रंग की रोशनी डाली गई तो सफेद रंग से लिखे उत्तर नजर आए।
केस-4
प्रवेश पत्र को हूबहू बनाया का पत्र
एलएलबी थर्ड सेमेस्टर के एक छात्र ने जनवरी में आयोजित हुई परीक्षा के दौरान प्रवेश पत्र पर लिखी हुबहू राईटिंग को उत्तर में बदल दिया। प्रवेश पत्र में लिखे नियमों को मिटाकर उसी फांट के अनुरूप उसने नकल लिख रखी थी। देखने में कहीं से प्रतीत नहीं हो रहा था। जब बारीकी से अध्ययन किया गया तो मामला उजागर हुआ। छात्र के सभी थ्योरी पेपर निरस्त कर दिए गए।
मयंक साहू @जबलपुर.
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में छात्र अब हाईटेक तरीके से नकल करने में जुटे हैं। पहले कागज के पुर्जों को जेब में रखकर लेकर आते थे लेकिन अब उन्होंने यह ट्रेंड बदल दिया है। अब छात्र वीक्षकों की नजरों से बचने के लिए नए तरीक इजाद कर नकल कर रहे हैं। ब्लूटूथ डिवाइस से लेकर स्मार्ट वॉच के सहारे नकल कर रहे हैं। वहीं पकड़ से बचने के लिए कुछ अनोखे प्रयोग भी कर रहे हैं। हाल ही में विश्वविद्यालय में प्रकाश में आए नकल मामलों से इस बात का खुलासा हुआ है। इन नकल की तरकीबों को देखकर विश्वविद्यालय प्रशासन भी हैरान रह गया। वहीं एक मामले में तो पत्तासाजी करने में ही उसे खासी मशक्कत करनी पड़ी। विदित हो कि विश्वविद्यालय द्वारा साल भर के दौरान विभिन्न परीक्षाओं को मिलाकर करीब 125 एग्जाम कराए जाते हैं।
दो सैकड़ा मामले आए पकड़ में
सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं के दौरान हर साल करीब 200 से 250 नकल के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भी ऐसे छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए या तो उसका संबंधित पेपर या फिर सभी पेपर निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। पिछले दिनों ऐसे 60 छात्रों के खिलाफ विवि प्रशासन द्वारा कार्रवाई किए जाने से हडक़ंप रहा।
कार्रवाई करने से डर
कई बार छात्रों पर कारवाई करने के दौरान डर बना रहता है। क्योंकि विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के दौरान नकल मिलने पर कई छात्र अपने रसूख का भी इस्तेमाल करते हैं तो वहीं वीक्षकों पर दबाव बनाने उन्हें जान से मारने तक की धमकी दे रहे हैं। जिससे परीक्षाओं से जुड़े शिक्षक, कर्मचारी भी सहमे हुए हैं। कुछ मामलों में तो परीक्षार्थी द्वारा हाथापाई तक करने की घटना प्रकाश में आ चुकी हैं। चार दिन पहले रादुविवि में बीकाम पांचवे सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान एक छात्र ने हाथापाई की।
-विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी सख्ती बरत रहा है। कुछ मामले ऐसे आए हैं जिनमें छात्रों ने हाईटेक नकल को अंजाम दिया गया है। ऐसे छात्रों के समस्त पेपर विवि द्वारा निरस्त किए गए हैं।
-डॉ.दीपेश मिश्रा, उपकुलसचिव परीक्षा
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-परीक्षाओं में छात्रों के किसी भी तरह के दबाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विवि प्रशासन ने केंद्राध्यक्षों को परीक्षा की गोपनीयता बरतने के सख्त निर्देश दिए हैं। जो छात्र शासकीय कार्य में व्यवधान डालेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
-डॉ.कमलेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि