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जबलपुर के न्यू भेड़ाघाट में बनेगा चिड़ियाघर, एक जगह दिखेंगे बाघ, तेंदुआ, मोर

locationजबलपुरPublished: Sep 29, 2022 10:48:39 am

Submitted by:

Lalit kostha

जबलपुर के न्यू भेड़ाघाट में बनेगा चिड़ियाघर, एक जगह दिखेंगे बाघ, तेंदुआ, मोर
 

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जबलपुर। नर्मदा के खूबसूरत तट न्यू भेड़ाघाट में जू (चिडिय़ाघर) का निर्माण होगा। इसके लिए केंद्र के अधिकारियों, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम और जिला प्रशासन की टीम वन विभाग की इलाके का निरीक्षण किया है। सूत्रों के अनुसार यहां हरित क्षेत्र में 80 एकड़ का एरिया है। इसके कुछ हिस्से से होकर हाइटेंशन लाइन गुजरी है। लेकिन, न्यू भेड़ाघाट में चिड़ियाघर प्रोजेक्ट के लिए 60 एकड़ भूमि मिल सकती है। स्थल निरीक्षण के बाद एमपीटी की ओर से डीपीआर तैयार करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जिसे मंजूरी के लिए राज्य व केंद्र के साथ जू अथॉरिटी को भेजा जाएगा।

पर्यटक एक स्थान पर देख सकेंगे बाघ, तेंदुआ, मोर व अन्य वन्य जीव

विशेषज्ञों के अनुसार चिडिय़ाघर के विकास की प्रक्रिया लम्बी होती है। इसके लिए चिह्नित स्थल पर पर्याप्त हरित क्षेत्र, वन्य जीवों के अनुकूल वातावरण होने के साथ भारतीय जू प्राधिकरण की अनुमति, एनजीटी व वाइल्ड लाइफ अथॉरिटी की एनओसी आवश्यक है।

 

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लंबे समय से इंतजार

बड़ी संख्या में पर्यटक जबलपुर आते हैं। लेकिन भेड़ाघाट, बरगी, नर्मदा तटों के दर्शन करने के बाद वन्य जीव देखने कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना या पेंच के लिए रवाना हो जाते हैं। ऐसे में लंबे समय से जबलपुर में टाइगर सफारी या जू स्थापित करने की मांग की जा रही है। पूर्व में डुमना में टाइगर सफारी स्थापित करने के प्रयास शुरू हुए थे। एयरपोर्ट अथॉरिटी की आपत्ति के बाद मामला अटक गया। अब न्यू भेड़ाघाट छोर पर जू स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयास को अच्छी पहल माना जा रहा है।

टाइगर सफारी में तकनीकी समस्या

डुमना नेचर रिजर्व में टाइगर सफारी का प्रस्ताव बना। बजट में राशि का प्रावधान भी हुआ पर बात आगे नहीं बढ़ सकी। इसके बाद ठाकुरताल के पास नगर वन उद्यान विकसित करने का प्रस्ताव बनाया या लेकिन अभी वह भी आकार नहीं ले सका। टाइगर सफारी जबलपुर की एक बहुप्रतीक्षित मांग रही है। लेकिन राजनीतिक खींचतान के कारण यह आकार नहीं ले पाई है। इसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी। डुमना एयरपोर्ट की दूरी बहुत अधिक नहीं होने के कारण पक्षियों से खतरा बना रह सकता है।

केंद्र के अधिकारी, पर्यटन विकास निगम की टीम, जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों ने जू के विकास के लिए स्थल का संयुक्त निरीक्षण किया है। जिले में जू विकसित होने पर पर्यटन विकास की संभावना बढ़ेगी।

डॉ. इलैयाराजा टी, कलेक्टर

जबलपुर में पर्यटन विकास के लिए जू बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत न्यू भेड़ाघाट में जमीन का निरीक्षण करने के बाद वन विभाग के अधिकारियों को डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

विनोद गोंटिया, अध्यक्ष, मप्र पर्यटन विकास निगम

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