टीआइ मदनमहल संदीप अयाची ने बताया कि नए कानून के मुताबिक देश में 14 वर्ष से कम के किसी भी बच्चे से कोई भी काम कराना बालश्रम अपराध माना गया है। बालिका की मर्जी के खिलाफ मारपीट कर घर के बर्तन साफ करवाने से लेकर कपड़े धुलवाना और भोजन बनाने सहित अन्य कार्य करवाने को लेकर ही डीपीओ से अभिमत मांगा गया है। अभी बालिका को वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है। शनिवार को सीडब्ल्यूसी की अनुमति से माता-पिता को उससे मिलने दिया गया।
ये है मामला
एफ-3 शक्ति विहार अपार्टमेंट राइट टाउन निवासी चौधरी शिवव्रत मोहंती के यहां पिछले छह महीने से 10 वर्षीय बालिका घरेलू नौकर बनकर काम कर रही थी। गुरुवार को वह घर से भाग गयी। देर रात एमएलबी के पास रहने वाले एक परिवार की मदद से पुलिस ने दस्तयाब किया तो उसके साथ होने वाले अत्याचार की जानकारी हुई। ओडिशा की रहने वाली बालिका ने दुभाषिए की मदद से बताया कि कैसे एक वर्ष तक उसे अमरकंटक में रखा गया, फिर मोहंती के हवाले कर दिया गया। उसे माता-पिता से बात तक नहीं करने दी जाती थी। बात-बात पर उसे पीटा जाता था। रोज-रोज की प्रताडऩा से तंग आकर बालिका फूल तोडऩे के बहाने घर से चली गई थी।