अंकों के आधार पर अंतिम श्रेणी में
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने केटेगराइजेशन ऑफ युनिवर्सिटीज फॉर ग्रांट ऑफ ग्रेडेड आटानॉमी रेगुलेशन २०१७ को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत देशभर के विश्वविद्यालयों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। प्रथम श्रेणी में आने वाले को पूर्ण स्वायतता होगी। एनआईआरएफ यानी नेशन इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क के खाके में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय अंतिम श्रेणी में है। विश्वविद्यालय नैक की ग्रेडिंग में बी ग्रेड में है। इस लिहाज से विश्वविद्यालय को २.७ अंक के आधार पर अंतिम श्रेणी में रखा गया है। प्रदेश का कोई भी विवि प्रथम श्रेणी में नहीं है।
यह तय किया है पैमाना
विवि को यह श्रेणी नैक एक्रिडिएशन और एनआईआरएफ रैकिंग के आधार पर दी जाएगी। एेसे संस्थान जिनका लगातार दो साल तक नैक स्कोर ३.५० से अधिक रहा है और जिनकी एनआईआरएफ रैकिंग पहले ५० के भीतर रही है। उन्हें केटेगरी एक में रखा है। ३.०१ से ३.४९ के बीच नैक स्कोर व ५१ से १०० रैकिंग वाले संस्थानों को कैटेगरी २ में रखा जाएगा। देवी अहिल्या बाई विवि सहित पांच अन्य विवि इसी श्रेणी में आ रहे हैं। शेष बचे संस्थान केटेगरी ३ में रखे गए हैं। यूजीसी के नए पैमाने को लेकर विश्वविद्यालयों में हडक़ंप की स्थिति है। उनके सामने गुणवत्ता बढ़ाना एक चुनौती की तरह है। प्रदेश के ज्यादातर विवि को अब ग्रेड बढ़ाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी होगी। नियमों में किए गए कड़े प्रावधान को लेकर कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा आपत्ति भी दर्ज की जा चुकी है। इधर रादुविवि के कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्र बताते हैं कि विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए यह नया प्रावधान अच्छा है। विवि इसके लिए तैयार हैं। हम इसके अनुरूप काम कर रहे हैं और यूजीसी को आवेदन किया जाएगा।
प्रदेश की यूनिवर्सिटी के ये हैं हाल अटल बिहारी वाजपेयी आईआईटीएम ग्वालियर ३.१३
जीवाजी विवि ग्वालियर ३.०६
रानी दुर्गावती विवि
जबलपुर २.७१
हरिसिंह गौर विवि सागर ३.०४
देवी अहिल्या बाई
विवि इंदौर ३.०९
चित्रकूट विवि ३.०४
अवधेश प्रताप सिंह
विवि रीवा २.३७
विक्रम विवि उज्जैन ३.०३
बरकतउल्ला विवि
भोपाल २.५०
ट्राइबल विवि
अमरकंटक २.८०