शहर बंद होते ही निवाडग़ंज गुलजार
रात होते ही सडक़ पर भारी वाहनों की कतार, दुर्घटना का खतरा
जबलपुर
Published: March 07, 2022 09:51:33 pm
जबलपुर. जब रात में शहर बंद हो जाता है तो निवाडग़ंज के गोदाम गुलजार हो रहे हैं। इससे सडक़ पर पूरा कारोबार शुरू हो जाता है। सडक़ पर वाहनों की कतार से अन्य वाहनों को निकलने के लिए मात्र आठ फीट की जगह बचती है। एेसे हालात में रात के समय गुजरने वाले दुर्घटना की चपेट में आ सकते हैं। इस दौरान निगरानी के लिए पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं रहती है।
बल्देवबाग से लेकर निवाडग़ंज तक, बल्देवबाग से चेरीताल मोड़ और बल्देवबाग से उखरी तक करीब एक सैकड़ा गोदाम हैं। इन गोदामों में परचून की सामग्री आती और जाती है। इसके लिए रात के समय ही इन जगहों पर भारी वाहन पहुंच रहे हैं, जिससे इन जगहों पर यातायात प्रभावित होता है। इसके लिए प्रशासन ने मनमोहननगर ट्रांसपोर्ट नगर बनाया है लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते मनमोहन नगर में यह कारोबार शुरू नहीं किया जा सका है, जबकि मनमोहननगर में ट्रांसपोर्ट व्यावसायियों को जगह भी आवंटित की गई थी।
सडक़ पर नहीं बचती है जगह
बल्देवबाग से निवाडग़ंज सडक़ एेसा मार्ग है, जिस पर रात भर ट्रैफिक रहता है। इसकी वजह यह है कि यह सडक़ स्टेशन और जिला अस्पताल को जोड़ता है। आलम यह है कि इस सडक़ के दोनों ओर भारी वाहनों की कतार लग जाती है, जिससे यहां अन्य वाहनों के निकलने की जगह नहीं बचती है।
आड़े खड़े हो रहे गोदाम
इस जगह पर माल की लोडिंग और अनलोडिंग के लिए सडक़ पर आड़े ट्रक खड़े हो जाते हैं, जिससे सडक़ पर आधे से ज्यादा हिस्सा भारी वाहन का होता है। यही आलम सडक़ की दूसरी ओर होने की वजह से सडक़ पर मात्र आठ फीट की जगह बचती है। कई बार तो यह हालत हो जाती है कि सडक़ पर कुछ ही जगह रहती है, जिससे दो पहिया ही वाहन निकल सकते हैं।
गलियों में गोदाम, सडक़ पर लोडिंग
जानकारों का कहना है कि यहां गलियों में गोदाम हैं। इस जगह तक वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। लिहाजा सडक़ पर ही वाहन खड़े किए जा रहे हैं, जिसमें रात भर लोडिंग-अनलोडिंग की जाती है। एेसे हालात में कई बार वजनी सामान के सडक़ पर गिरने का खतरा रहता है।
सडक़ तक बंडललोडिंग के दौरान कई बार सडक़ तक भारी सामानों के बंडल पहुंच जाते हैं। इससे अन्य वाहनों के निकलने की जगह नहीं बचती है। शेष जगह पर भारी वाहनों का कब्जा रहता है। जानकार कहते हैं कि रात होते ही सडक़ पर सामग्री फैला दी जाती है, जिससे सडक़ से गुजरने वाले वाहन चालक फंस जाते हैं।
ट्रांसपोटनगर का मकसद फेल
प्रशासनिक प्रयास के तहत बनाए गए ट्रांसपोर्टनगर का मकसद फेल हो रहा है। प्रशासन की कोशिश यह थी कि शहर से बाहर एक प्लेटफॉर्म दिया जाएगा, जिससे असमय होने वाली असुविधाएं दूर हो सके। इसके लिए ट्रांसपोर्टनगर बनने के बाद वहां ट्रांसपोर्ट व्यावसाय शुरू भी किया गया था लेकिन उसके बाद यह पुन: वापस लौट आया है। सूत्रों ने बताया है कि व्यावसायियों ने ट्रांसपोर्टनगर में व्यावसाय न करके गोदाम किराए से दे रही हैं।
हालात पर एक नजर-
- बल्देवबाग से मात्र 50 फीट से लेकर निवाडग़ंज तक ट्रकों की कतार थी।
- पुराने पोस्ट ऑफिस के सामने आड़ा करके ट्रकों को खड़ा किया गया था।
- संजय गांधी मार्केट के सामने तीन ट्रक आड़े खड़े थे।
- पांडे चौक के पास सडक़ पर वाहनों में लोडिंग की जा रही थी।
- पांडे चौक के पास सडक़ पर बंडल थे।
- पोस्ट ऑफिस के सामने सडक़ आठ फीट बची थी।

जब रात में शहर बंद हो जाता है तो निवाडग़ंज के गोदाम गुलजार हो रहे हैं। इससे सडक़ पर पूरा कारोबार शुरू हो जाता है।
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