अभियोजन के अनुसार 2 जनवरी को उदयपुरा निवासी सुरेश कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 1 जनवरी 2019 की रात वह पवन राजपूत की कार चला रहा था। गाड़ी में पवन व रमेश राजपूत बैठे थे। पवन राजपूत का रुपयों के लेनदेन को लेकर उपाशंकर शर्मा से विवाद था। कार उमाशंकर शर्मा के ऑफिस के करीब से निकली ही थी कि राठी की दुकान के समीप 15-20 हथियारबंद लोगों ने सड़क पर खड़े होकर रोकने की कोशिश की। इस पर सुरेश ने गाड़ी टर्न कर ली। लेकिन तब तक भीड़ में से कार के पिछले हिस्से में गोलियां चलाई गईं। कार की रियर स्क्रीन को भेद कर एक गोली कार मेंं बैठे रमेश को जा लगी। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन नहीं बचाया जा सका। उदयपुरा पुलिस ने मामले में उमाशंकर शर्मा व अन्य के खिलाफ भादंवि की धारा 147,148,149, 302, 307 सहित आम्र्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर 10 जुलाई 2019 को उमाशंकर को गिरफ्तार किया। इसी मामले में जमानत पाने के लिए यह अर्जी पेश की गई। शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आवेदक भी उस विधि विरुद्ध जमाव का हिस्सा था, जो हत्या के सामान्य आशय से एकत्र हुआ था। पीडि़त पक्ष की ओर से अधिवक्ता नरेंद्र निखारे ने भी आपत्ति पेश की। सहमत होकर कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया।