हेल्पलाइन पर भी नहीं मिल रही मदद
प्रशासन की ओर से कोरोना मरीजों को आसानी से बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इसमें भी सही मार्गदर्शन और मदद नहीं मिल रही है। हेल्पलाइन में जिन अस्पतालों में बिस्तर खाली होने की जानकारी दी जाती है, वहां पहुंचने पर प्रबंधन बिस्तर खाली नहीं होने की बात कहकर लौटा देते हैं। कंट्रोल सेंटर के पास ही अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता की सही जानकारी नहीं होने से मरीज अस्पतालों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
कलेक्टर ने किया कोविड अस्पताल का निरीक्षण
लोगों की बढ़ती शिकायतों के बीच कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने जिला अस्पताल और मनमोहन नगर अस्पताल जाकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली। कोरोना संक्रमितों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला अस्पताल में बन रहे एयर सेपरेशन यूनिट के कार्यों का निरीक्षण कर जल्द तैयार कर शुरू करने के निर्देश दिए। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया और कोविड नोडल अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा भी मौजूद थे।
ऐसे समझें नाजुक हालात
01 विजय नगर निवासी एक व्यक्ति को सीटी स्केन में कोरोना से गम्भीर रूप से पीडि़त पाया गया। परिजन मरीज को लेकर कई अस्पताल गए। सीटी स्केन और मरीज के बुजुर्ग होने का हवाला देकर डॉक्टरों ने ऑक्सीजन की जरूरत बताई। बेड खाली नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया। बायपास पर एक छोटे अस्पताल ने एक लाख रुपए एडवांस जमा कराने के बाद चार घंटे प्रतीक्षा कराने के बाद बमुश्किल भर्ती किया।
02 कोरोना मरीजों को दी जाने वाली फ्लू की एक दवा की चार दिनों से बाजार में शॉर्टेज है। कोरोना संक्रमितों के परिजन फ्लू की टैबलेट के लिए मेडिकल स्टोर के चक्कर काट रहे है। दवा बाजार में भी दवा की आपूर्ति सुचारू नहीं है। स्टॉकिस्ट को मांग के आधी मात्रा की भी आपूर्ति नहीं हो रही है। मेडिकल स्टोर में एडवांस में पैसे जमा करने के एक-दो दिन बाद बमुश्किल फ्लू की दवा मिल रही है।
03 विजय नगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित को डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने का परामर्श दिया। परिजन डॉक्टर की पर्ची लेकर सिविक सेंटर स्थित दवा दुकान पहुंचे। दस्तावेज की जांच के बाद चार इंजेक्शन आवंटित किए। परिजन को यह कहकर लौटा दिया कि इंजेक्शन अस्पताल पहुंचा दिए जाएंगे। लेकिन, दो दिन तक मरीज को इंजेक्शन नहीं लगा। परिजन ने अस्पताल से शिकायत की तो इंजेक्शन खत्म होने और फिर से लाने के लिए कहा गया। अब इंजेक्शन नहीं मिल रहा।