यह है स्थिति
जिले में हैं चार औद्योगिक क्षेत्र।
चारों जगह हैं करीब 450 इंडस्ट्री।
ढाई हजार से ज्यादा को रोजगार।
रिछाई में 257 और अधारताल में 151 इंडस्ट्री।
उमरिया-डुंगरिया में चल रहीं 30 इंडस्ट्री।
हरगढ़ सिहोरा में करीब छह यूनिट में उत्पादन।
मनेरी औद्योगिक क्षेत्र में 78 इकाइयां।
ये हैं कमियां
यातायात की बेहतर कनेक्टिविटी नहीं।
व्यवस्थित औद्योगिक क्षेत्र का अभाव।
उद्योगपतियों की ओर से प्राथमिकता नहीं देना।
बड़े औद्योगिक घरानों का प्रवेश नहीं।
जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक उदासीनता।
यहां हैं सम्भावनाएं
कृषि
खनिज
रक्षा
रेडीमेड गारमेंट
फेब्रिकेशन
मटर प्रोसेसिंग
इंडस्ट्री के लिए पहले की तुलना में सुविधाएं बढ़ी हैं। अधारताल और रिछाई इंडस्ट्रियल एरिया में जगह नहीं थी। इसलिए यहां नई इंडस्ट्री नहीं लगी। इसलिए उमरिया-डुंगरिया जैसे नए औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया गया है।
देवब्रत मिश्रा
महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र
जिले में बड़ी इंडस्ट्री आनी चाहिए। इसके लिए समन्वित प्रयास किए जाएं। बड़े उद्योगों के आने से औद्योगिक माहौल बनता है। इंदौर और भोपाल इसीलिए आगे हैं। शहर में अभी उद्योगों के नाम पर सिर्फ लघु और मध्यम उद्योग हैं।
हिमांशु खरे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष
जबलपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री