जबलपुर। सड़क दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण और सुरक्षा के उपायों के लिए जिले में इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस (आइआरएडी) प्रणाली पर काम शुरू होने जा रहा है। किसी मार्ग पर दुर्घटना होती है, तो पुलिस के पहुंचते ही मामला दर्ज होगा। पुलिस जैसे ही घटना का विवरण मोबाइल एप्लीकेशन में भरेगी, पास के स्वास्थ्य केंद्र के अलावा लोक निर्माण विभाग और सड़क परिवहन विभाग के पास अलर्ट के तौर पर एसएमएस पहुंच जाएगा। केंद्र सरकार की इस योजना पर राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) की जिला इकाई ने काम शुरू किया है। जल्द ही जिले के तमाम पुलिस थाना, सिविल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सम्बंधित विभागों के उन अधिकारी एवं स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो इस प्रणाली के तहत काम करेंगे। इसी माह आइआरएडी इस प्रणाली को लागू कर देगा। प्रदेश में सभी सम्भागीय मुख्यालयों के जिलों में पहले दौर में इसे लागू किया जाएगा। दूसरे दौर में सभी जिलों में यह प्रणाली काम करने लगेगी। अभी सरकारी अस्पतालों को इस प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। बाद में निजी अस्पताल भी जुड़ेंगे।
दुर्घटना स्थल पर पुलिस मोबाइल ऐप पर विवरण दर्ज करेगी। इसमें घटना से प्रभावित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, वाहन का नम्बर, लाइसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना का सम्भावित कारण, फोटो, वीडियो अपलोड करेगी। प्रक्रिया पूरी होते ही पास के स्वास्थ्य केंद्र में पोर्टल के जरिए यह सूचना पहुंचेगी। इसी आधार पर इलाज सम्बंधी तैयारियां अस्पताल मेंहोंगी। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और परिवहन विभाग के पास भी इसकी सूचना स्वचालित प्रणाली से पहुंचेगी। यह विभाग घटना के कारणों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार कर ऑनलाइन दर्ज करेंगे। इन आंकड़ों का अध्ययन आइआइटी मद्रास करेगी। फिर वह सुझाव देगी की दुर्घटना में सड़क निर्माण सम्बंधी क्या सुधार किए जाएं?
जिले की स्थिति
स्वास्थ्य सम्बंधी
– सिविल अस्पताल-3
– सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-5
– प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-22
– शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-19
कानून सम्बंधी
– ग्रामीण क्षेत्र के थाना-14
– शहरी क्षेत्र के थाना-22
– यातायात थाना- 03
– अजाक थाना- 01
– महिला थाना- 01
– अपराध थाना -01
यह है स्थिति
– जबलपुर जिले में हर साल करीब तीन हजार सड़क दुर्घटनाएं।
– 04 हजार के करीब लोग दुर्घटना में होते हैं घायल।
– दुर्घटनाओं में मृतकों की सालाना तीन सौ के करीब।