इस तरह की हो रही लापरवाही
बहुमंजिला इमारतों की अंडरग्राउंड पार्किंग में बिजली के वायर झूल रहे हैं। बिजली के मीटर के समीप जनरेटर रखे हुए हैं। यहीं पर वाहनों की पार्किंग भी होती है। कई बहुमंजिला भवनों में पार्किंग स्थलों का उपयोग किचन और गोदाम के रूप में हो रहा है। यहां एलपीजी गैस सिलेंडर और ज्वलनशील पदार्थ रखे जा रहे हैं। पत्रिका ने नगर निगम के अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था, नगरीय प्रशासन ने भोपाल स्तर पर अधिकारी नियुक्त कर जांच का अधिकार उसे दे दिया है। भवनों के निर्माण में फायर से सम्बंाित एनओसी जारी करने व सालाना नवीनीकरण का अधिकार भी निगम के पास नहीं है।
जांच की अनुमति के लिए लिखा पत्र
सूरत, मुम्बई, पुणे, वारंगल, लखनऊ, कानपुर में हुई अग्नि दुर्घटनाओं के मद्देनजर नगर निगम के दमकल विभाग ने निगमायुक्त को पत्र लिखकर नगर स्तर पर जांच करने की अनुमति देने की मांग की है। पत्र में कहा गया है, निगम सीमा में सभी शैक्षणिक, व्यावसायिक, औद्योगिक, प्रशासनिक भवन, भंडार गृहों, रेस्टॉरेंट, बार, होटल, शॉपिंग मॉल, सामुदायिक-सार्वजनिक भवनों की जांच करना आवश्यक है। इसके लिए संयुक्त जांच दल गठित करने की आवश्यकता है।
बहुमंजिला इमारतों की स्थिति
– 150 से ज्यादा बहुमंजिला व्यावसायिक भवन
– 225 रहवासी बहुमंजिला भवन
– 90 प्रतिशत बहुमंजिला भवनों में फायर सेफ्टी अलॉर्म नहीं
– 02 शॉपिंग मॉल में सभी अर्हताएं पूरी
– 2012 से बंद है स्थानीय स्तर पर जांच
– अंडरग्राउंड पार्किंग का स्टोर रूम और गोदाम के रूप में हो रहा उपयोग
निगमायुक्त को पत्र लिखा है
इस सम्बंध में नगर निगम दमकल शाखा के उप अधीक्षक राजेंद्र पटेल ने बताया शैक्षणिक, व्यावसायिक, औद्योगिक, प्रशासनिक भवन, भंडार गृहों, रेस्टॉरेंट, बार, होटल, शॉपिंग मॉल, सामुदायिक-सार्वजनिक भवन की जांच की अनुमति के लिए निगमायुक्त को पत्र लिखा है, जिससे स्थानीय स्तर पर जांच कर ऐसे भवनों की रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्रवाई और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए नगरीय प्रशासन को प्रेषित किया जा सके।
राजेेंद्र पटेल, उप अधीक्षक, दमकल शाखा, नगर निगम