यह है स्थिति
– रोजाना 50 से 100 पत्र शामिल किए जाते हैं टीएल में।
– इनका ऑफलाइन होता था पंजीकरण, कई हाथों तक पहुंचती है फाइल।
– अब एक जगह दर्ज होगी जानकारी, फिर सभी जगह ऑनलाइन दिखेगी।
– एनआइसी ने 150 प्रभारी बनाए। उनकी आईडी पासवर्ड भी तैयार।
– 60 से 70 प्रमुख विभागों के प्रमुखों की भ्ीा बनाई गई आईडी।
– ओएस कार्यालय से अपलोड होते ही संबंधित अधिकारी के पास सूचना।
– एनआइसी की ओर से अधिकारी एवं प्रभारियों को काम की दी जाएगी टे्रनिंग।
– अलग-अलग विभागों के 1050 पुराने प्रकरण भी किए जा रहे हैं ऑनलाइन।