बिजली उपभोक्ता हो रहे परेशान, नहीं हो रहा शिकायतों का निराकरण जबलपुर, मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने दावा किया था कि इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत कंपनी के 87 प्रतिशत उपभोक्ताओं को फायदा मिला है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हाल ही में ऐसे मामले सामने आए, जिनमें बिजली की खपत को कम थी, लेकिन उन्हें बिना सब्सिडी का बिल भेज दिया गया। इतना ही नहीं ऑनलाइन पेमेंट करने वाले उपभोक्ताओं को भी कंपनी द्वारा दोबारा बिल भेजा जा रहा है।
केस:- 01
उपभोक्ता:- अशोक कुमार
निवासी:- चेरीताल वार्ड, तुलसी नगर
यह हुआ:- उपभोक्ता ने सितंबर माह में 413 यूनिट बिजली का उपयोग किया। इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत बिजली बिल 100 रुपए आना था, लेकिन विद्युत वितरण कंपनी ने उन्हें 948 रुपए का बिल भेज दिया। उपभोक्ता ने बिजली अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला, तो उपभोक्ता को बिल जमा करना पड़ा।
नहीं सुनते अधिकारी, काटने पड़ते हैं चक्कर
आलम यह है कि उपभोक्ता यदि किसी शिकायत को लेकर सिटी सर्किल या संभागीय कार्यालय जाते हैं, तो पहले तो अफसर उनकी शिकायतों को सुनने में आनाकानी करते हैं और बाद में यदि शिकायत सुन भी ली जाए, तो मामले का निपटारा नहीं हो पाता। यही कारण है कि बिजली उपभोक्ताओं में बिजली कंपनी के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है।
केस:- 02
उपभोक्ता:- मिथलेश कुमार
निवासी:- अंजनी परिसर, आमनपुर रोड
यह हुआ:- सितंबर माह में उपभोक्ता का बिजली बिल 1151 रुपए आया। उन्होंने पेटीएम के जरिए बिल भुगतान किया। लेकिन जब अक्टूबर माह में बिजली का बिल मिला, तो उसमें 448 रुपए सब्सिडी तो मिली, लेकिन पेटीएम से भुगतान के बावजूद पिछले माह की बकाया राशि को बिल में जोड़ दिया गया, जो 1487 रुपए हो गया।
वर्जन
– उपभोक्ताओं के बिजली बिल में यदि कोई समस्या आई है, तो उसका निराकरण जल्द से जल्द किया जाएगा।
वी किरण गोपाल, एमडी मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी
केस:- 01
उपभोक्ता:- अशोक कुमार
निवासी:- चेरीताल वार्ड, तुलसी नगर
यह हुआ:- उपभोक्ता ने सितंबर माह में 413 यूनिट बिजली का उपयोग किया। इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत बिजली बिल 100 रुपए आना था, लेकिन विद्युत वितरण कंपनी ने उन्हें 948 रुपए का बिल भेज दिया। उपभोक्ता ने बिजली अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला, तो उपभोक्ता को बिल जमा करना पड़ा।
नहीं सुनते अधिकारी, काटने पड़ते हैं चक्कर
आलम यह है कि उपभोक्ता यदि किसी शिकायत को लेकर सिटी सर्किल या संभागीय कार्यालय जाते हैं, तो पहले तो अफसर उनकी शिकायतों को सुनने में आनाकानी करते हैं और बाद में यदि शिकायत सुन भी ली जाए, तो मामले का निपटारा नहीं हो पाता। यही कारण है कि बिजली उपभोक्ताओं में बिजली कंपनी के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है।
केस:- 02
उपभोक्ता:- मिथलेश कुमार
निवासी:- अंजनी परिसर, आमनपुर रोड
यह हुआ:- सितंबर माह में उपभोक्ता का बिजली बिल 1151 रुपए आया। उन्होंने पेटीएम के जरिए बिल भुगतान किया। लेकिन जब अक्टूबर माह में बिजली का बिल मिला, तो उसमें 448 रुपए सब्सिडी तो मिली, लेकिन पेटीएम से भुगतान के बावजूद पिछले माह की बकाया राशि को बिल में जोड़ दिया गया, जो 1487 रुपए हो गया।
वर्जन
– उपभोक्ताओं के बिजली बिल में यदि कोई समस्या आई है, तो उसका निराकरण जल्द से जल्द किया जाएगा।
वी किरण गोपाल, एमडी मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी