जबलपुर

शारंग तोप से अब नहीं बचेगा कोई आतंकी, बढ़ेगी सेना की ताकत

वीएफजे में 12, जीसीएफ में 18 तोप का होगा उत्पादन

जबलपुरMay 02, 2019 / 01:57 am

reetesh pyasi

cannon

जबलपुर। स्वदेशी तकनीक से बनी धनुष तोप के बाद जल्द ही शक्तिशाली शारंग तोप भी सेना को सुपुर्द की जाएगी। आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) ने इस साल बनाई जाने वाली शारंग तोप का लक्ष्य तय कर दिया है।

कहर बरपाने में कारगर साबित होगी
जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री में 18 और वीकल फैक्ट्री जबलपुर में 12 तोप बनाई जाएंगी। उत्पादन लक्ष्य मिलने के बाद दोनों निर्माणियों में तैयारियां शुरू कर दी गई है। शारंग तोप पहाड़ी पर छिपे दुश्मनों पर भी कहर बरपाने में बेहद कारगर साबित होगी।
इजरायल की तोप का अपग्रेड वर्जन
इजरायल की 130 एमएम की सोल्टम तोप को अपग्रेड कर 155 एमएम 45 कैलीबर की शारंग तोप बनाई गई है। इसका परीक्षण पिछले साल हो चुका था, जो सफल रहा।

300 से अधिक 130 एमएम की सोल्टम तोप
वर्तमान में सेना के पास 300 से अधिक 130 एमएम की सोल्टम तोप हैं, जिन्हें अपग्रेड किया जा रहा है। तोप के अपग्रेडेशन के बाद इसकी क्षमता बढऩे के साथ ही सटीक निशाना भी लगाया जा सकेगा। जीसीएफ, आयुध निर्माणी कानपुर के अतिरिक्त कुछ अन्य निर्माणियों के सहयोग से शारंग तोप को तैयार किया गया है।
असेम्बलिंग लाइन के लिए स्थान तय
शारंग तोप के उत्पादन के लिए जीसीएफ और वीएफजे में नई असेम्बलिंग लाइन तैयार की जा रही है। वीएफजे में असेम्बलिंग लाइन के लिए स्थान भी तय हो गया है। जीसीएफ में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
तोप की विशेषताएं
– 70 डिग्री तक मूवमेंट कर सकती है बैरल
– 8.4 टन है कुल वजन
– 07 मीटर लम्बी है बैरल
– 28-38 किमी है मारक क्षमता
– 100 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित
इनका कहना है
ओएफबी ने 30 शारंग तोप के उत्पादन का लक्ष्य दिया है। चालू वित्तीय वर्ष में चालू जीसीएफ में 18 और वीएफजे में 12 तोप बनाई जाएंगी। इसकी तैयारियां प्रारम्भ कर दी गई हैं। तय समय में प्रोजेक्ट को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
प्रशांत प्रसन्ना, जनसंपर्क अधिकारी जीसीएफ
 
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