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College states- यहां के शिक्षा संस्थानों के नाम बड़े, काम छोटे हैं

locationजबलपुरPublished: Sep 20, 2019 07:16:06 pm

Submitted by:

shyam bihari

उच्च शिक्षा विभाग सरकारी कॉलेजों में गुणवत्ता सुधार के लिए लम्बी कवायद कर रहा है, फिर भी कॉलेज इसमें खरे नहीं उतर पा रहे हैं

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जबलपुर। उच्च शिक्षा विभाग सरकारी कॉलेजों में गुणवत्ता सुधार के लिए लम्बी कवायद कर रहा है, फिर भी कॉलेज इसमें खरे नहीं उतर पा रहे हैं। हाल ही में नैक की जारी ग्रेडिंग में सरकारी कॉलेज खास प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। कुछ कॉलेज अपना ग्रेड ही बरकरार नहीं रख सके, तो कुछ मुश्किल में इसे बचा पाए। जिले में एक भी शासकीय कॉलेज फिलहाल ए प्लस में शामिल नहीं है।
सिर्फ ए से संतोष
जबलपुर जिले में साइंस कॉलेज ए ग्रेड में शामिल है। 2014-15 में साइंस कॉलेज को नैक ने ए ग्रेड दिया गया था। इस बार कॉलेज ए प्लस के लिए प्रयास कर रहा था लेकिन पुराने ग्रेड से ही संतोष करना पड़ा।
यहां बुरा हाल
शासकीय होमसाइंस कॉलेज का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। कॉलेज पहले ए ग्रेड में था, लेकिन इस बार इसका ग्रेड बी हो गया है। इस कॉलेज का ग्रेड गिरने की वजह शिक्षकों के बीच सामंजस्य न होना, नियमित शिक्षकों की कमी, कॉलेज गतिविधियों को बेहतर तरीके से प्रजेंट न कर पाना रहा है। छात्राओं का दिया फीड बैक भी आधार बना।
मुश्किल से बचा
जिले का लीड कॉलेज शासकीय महाकोशल कॉलेज अपना बी ग्रेड मुश्किल से बचा सका। यहां ग्रेड गिरने के हालात थे। अंतिम समय की कवायद के बाद कॉलेज बी ग्रेड पर कायम रह सका। शासकीय कॉलेज पाटन डी ग्रेड में शामिल है। कॉलेज बिल्डिंग की खराब स्थिति, खेल का अविकसित मैदान, रेगुलर स्टाफ न होने आदि कारणों से यह निचले पायदान पर है। जबकि, शासकीय कन्या कॉलेज रांझी बी प्लस केटगरी में है। वहीं शासकीय कॉलेज कुंडम भी बी ग्रेड रैकिंग में है। जबकि, बड़े कॉलेजों में मानकुंवरबाई कॉलेज ए प्लस, साइंस कॉलेज ए ग्रेड, महाकोशल कॉलेज, होमसाइंस कॉलेज, पनागर का कॉलेज बी ग्रेड में है। सिहोरा का कॉलेज बी प्लस टू ग्रेड है।
साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एएल महोबिया ने कहा कि हमने ए प्लस ग्रेड के लिए तैयारी की थी, लेकिन ए ग्रेड मिला है। जो कमियां हैं उन्हें दूर करने का प्रयास करेंगे, ताकि आने वाले समय में सबसे पुराने कॉलेज को बेहतर ग्रेड पर ले जाया जा सके।
शासकीय कॉलेज बरेला के प्राचार्य डॉ. सुनील श्रीवास्तव का कहना है कि कॉलेजों में नौकरशाही का हस्तक्षेप कम किया जाना चाहिए। शिक्षकों को पूरे समय उपस्थित होने के साथ ही टीचिंग पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। हम व्यवस्थाएं दुरस्त कर रहे हैं, ताकि नैक में खरे उतर सकें।

किस ग्रेड में कितने कॉलेज
ग्रेड ए प्लस 01
गे्रड ए 01
ग्रेड बी 05
ग्रेड बी प्लस 01
ग्रेड बी प्लस प्लस 01
ग्रेड डी 01

यह है स्थिति
अभी कुछ कॉलेज इस दायरे में नहीं आए हैं। उनके पास खुद का उम्दा इंफ्रास्टक्चर न होने से ऐसा है। इनमें शा. कॉलेज बरेला, शा. कॉलेज मझौली शामिल हैं। वहीं शा. मानकुंवरबाई महिला महाविद्यालय, शा. श्याम सुंदर कॉलेज सिहोरा आदि की अभी नैक के लिए डेट फिक्स नहीं है।

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