इस साल अभी तक स्वाइन फ्लू से छह मौतें हो चुकी है। हर दिन नए संदिग्ध मरीज मिल रहे है। प्रदेश के अन्य शहरों और आसपास के कुछ प्रदेशों में भी स्वाइन फ्लू का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। इन जगहों से हर दिन बड़ी संख्या में विविध कामकाज के सिलसिले में लोग शहर आते-जाते हैं। मौजूदा मौसम में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। इस दौरान संक्रमण के अटैक करने की आशंका बढ़ जाती है।
निजी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के आइसोलेशन वार्ड नहीं है। सामान्य मरीजों के साथ संदिग्ध मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।
निजी अस्पताल में संदिग्ध मरीज की तबियत बिगडऩे पर मेडिकल रेफर किया जा रहा है। नाजुक स्थिति में रेफर करने से मरीज को नुकसान हो रहा है।
मौसम में बार-बार बदलाव, नमी और सर्द-गर्म के बीच संक्रमण के फैलने की आशंका को लेकर आम लोगों में जागरुकता की कमी है।
निजी अस्पताल पीडि़तों की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। संदिग्ध मरीज के नमूने नीयत समय पर लैब को प्रेषित नहीं किए जा रहे हैं।
प्रारंभिक स्तर पर सर्दी, खांसी, गले में इंफेक्शन और बुखार को आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सामान्य तरह से ले रहे है। जांच सही जगह और समय पर नहीं होने से संक्रमण बढऩे की आशंका है।