scriptअब तो वाहन बेचने में सोचना पड़ेगा | ... now I have to think about selling a vehicle | Patrika News

अब तो वाहन बेचने में सोचना पड़ेगा

locationजबलपुरPublished: Feb 15, 2019 11:20:22 am

Submitted by:

manoj Verma

कहीं एसा न हो कि वाहन बेचने के बाद आपको भरना पड़े उसका चालान

online fine

…अब तो वाहन बेचने में सोचना पड़ेगा

आप अपना वाहन बेच रहे हैं तो सतर्क रहें। कहीं ऐसा न हो कि वाहन बेचने के बाद भी आपको उसका चालान भरना पड़े। दरअसल, हो यह रहा है कि शहर में लोग अपने वाहन बेच रहे हैं लेकिन खरीदार उसका ट्रांसफर नहीं करवा रहे हैं, जिससे यातायात का नियम तोड़ते ही वाहन का ऑटोमेटिक ऑनलाइन चालान बन जाता है और वाहन मालिक के घर पर चालान पहुंच जाता है। ऐसे कई मामले हैं, जिसमें वाहन के पुराने मालिक चालान लेकर कंट्रोल रूम पहुंच रहे हैं। कंट्रोल रूम की समझाइश पर अब उन लोगों को ढूढा जा रहा है, जिन्होंने उनसे वाहन खरीदा था।

केस स्टडी
केस-1
स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से बाइक सवार को हैलमेट नहीं होने का नोटिस भेजा गया लेकिन वह जिस व्यक्ति के नाम पर नोटिस था, उसके पास बाइक थी ही नहीं बल्कि उसके पास कार थी।
निष्कर्ष: तकनीकी खामी की वजह से गलत चालान बना। चालान सुधार कर बाइक मालिक के पते पर भेजा गया।

केस-2
हाल ही में एक पैरोकार को हैलमेट नहीं होने का नोटिस भेजा। वह बाइक बेच चुका है। नाम स्थानांतरित नहीं होने की वजह से वह परेशान है।
निष्कर्ष: बाइक खरीदने वाले की खोजबीन की जा रही है। चालान भरने में समय दिया गया है।

केस-3
एक बाइक के दो नंबर रजिस्टर्ड मिले। इन पर चालान भेजा गया। चालक परेशान था कि हैलमेट नहीं पहनने पर उसे दो बार एक ही जगह का नोटिस दिया गया।
निष्कर्ष: यह तकनीकी खामी आरटीओ की है। वाहन मालिक आरटीओ में अपने वाहन का सही नंबर ले रहा है।

केस-4
चालान से परेशान एक युवती अपनी मां के साथ दफ्तर पहुंची थी। वह स्कूटर बेच चुकी थी। खरीदार ने ट्रांसफर नहीं कराया। चालान उसके घर पहुंच रहे हैं। अब वह परेशान हो चुकी है।
निष्कर्ष: यातायात पुलिस ने इस मामले में युवती को यह लिखकर देने को कहा है कि वह वाहन बेच चुकी है।

जबलपुर। ऑनलाइन चालान ने लोगों की ऑफ लाइन परेशान परेशानी बढ़ा दी है। सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों की हो गई है, जिन्होंने अपना वाहन बेच दिया है। खरीदार ने उसका अपने नाम पर स्थानांतरित नहीं कराया है। एसे में चौराहों पर ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने पर चालान उन लोगों के घरों में पहुंच रहे हैं, जो अपना वाहन बेच चुके हैं। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिनमें लोग चालान लिए स्मार्ट सिटी के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। ट्रैफिक और आरटीओ ने इस मामले में हाथ खड़े कर दिए हैं। वे दलील दे रहे हैं कि नियमानुसार वाहन का ट्रांसफर करवा लेना चाहिए। स्टॉप लाइन पर वाहन खड़े करना, सिग्नल तोडऩा, तेज गति से वाहन निकालना, हैलमेट नहीं लगाना, चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट नहीं लगाना आदि यातायात के नियमों को तोडऩे वालों का नगर निगम और ब्लूम चौक पर ऑन लाइन चालान किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में सीसीटीवी कैमरों की मदद से ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों की फोटो ली जाती है और उनके घरों पर चालान भेजा जा रहा है। चालान भरने की समय सीमा भी तय की गई है।

ये है प्रक्रिया
चौराहों पर लगे कैमरों की मदद से वाहन की फोटो ली जाती है। फोटो में वाहन की नंबर प्लेट ऑटोमैटिक स्कैन हो रही है। वाहन का नंबर स्कैन होते ही पल भर में वह वाहन मालिक की तमाम जानकारी स्क्रीन पर ला देता है, जहां से यह चालान ऑटोमेटिक जनरेट हो जाता है। चालान जनरेट होने के बाद इसे यातायात पुलिस की मदद से लोगों के घरों पर भेज दिया जाता है।

एनाउंसमेंट में समझाइश
नगर निगम चौक पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से वर्तमान स्थिति में गड़बड़ी करने वाले वाहनों को दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं। मौके पर जेब्रा लाइन पर खड़े होने वाले वाहन, हैलमेट और तमाम प्रकार के नियमों का उलंघन करने वाले वाहनों को चिन्हित कर वाहन ठीक करने कहा जा रहा है।

10 चौराहों पर शीघ्र ऑनलाइन चालान प्रक्रिया
ऑन लाइन चालान प्रक्रिया में अभी उन्हीं वाहनों के चालान भेजे जा रहे हैं, जो ठीक दिख रहे हैं। कंट्रोल रूम के लोगों का कहना है कि सड़क पर ऐसे वाहन चल रहे हैं, जिसमें यदि सही चालान भेजे जाएंगे तो बमुश्किल दस प्रतिशत वाहन ही छूटेंगे, शेष सभी वाहन चालानी कार्रवाई की सीमा में आ जाएंगे। कंट्रोल रूम के जिम्मेदार यह दलील दे रहे हैं कि अभी मात्र दो चौराहों पर यह शुरू किया गया है। प्रथम चरण में दस चौराहों पर शुरू किया जाएगा, लेकिन जल्द ही शहर के बीस चौराहों पर यह सिस्टम लागू कर दिया जाएगा।

वाहन बेचते या खरीदते समय इस बात का ध्यान वाहन मालिक को रखना चाहिए। इसके लिए यातायात पुलिस कुछ नहीं कर सकती है। पुलिस द्वारा अपील की जा रही है कि वाहन मालिक अपने नाम पर वाहन ट्रांसर्फर करवा लें वरना वे ही मुसीबत में फसेंगे।
रविकांत शुक्ला, टीआई, यातायात

बेचेनामा लेने के बाद ही वाहन बेचना चाहिए। हो सके तो वाहन का ट्रांसफर भी करवाकर देना चाहिए। आरटीओ से वाहन का ट्रांसफर होने के बाद रिकार्ड अपडेट होता है। हो सकता है कि कोई वाहन अपडेट नहीं हो पाया हो। यदि ऐसे प्रकरण हैं तो उन्हें आकर अपना रिकार्ड दिखवा लेना चाहिए।
संतोष पॉल, आरटीओ

कई बार तकनीकी खराबी आ जाती है। हाल ही में एक दिन मैसेजिंग गलत हो रहा था, हो सकता है कि उसी समय कुछ चालानों का गलत प्रिंट आ गया होगा। फिलहाल हम अलर्ट रहते हैं कि चालान गलत पते पर न जाए।
अंकुर खरे, टेक्नीकल एक्पर्ट, स्मार्ट सिटी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो