मेडिकल कॉलेज में सामान्य रुप से प्रतिदिन चार सौ पांच सौ तक ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग होता है। कोरोना के गम्भीर मरीजों की पिछले महीने संख्या बढऩे पर ऑक्सीजन की खपत प्रतिदिन एक हजार सिलेंडर से ज्यादा हो गई थी। जम्बो सिलेंडर उपयोग करने के बावजूद इन्हें बार-बार बदलने और खाली सिलेंडर की रिफलिंग में समस्या से जूझना पड़ रहा था। इसमें मेन पावर भी ज्यादा लगता था। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल मुख्य रुप से हृदय, किडनी, न्यूरो के गम्भीर मरीजों के उपचार और ऑपरेशन के लिए है। ऑक्सीजन टैंक बन जाने से आगे भी भर्ती मरीजों को आपूर्ति सुचारु रहेगी।