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अब तो मौका भी है, दस्तूर भी… नेताजी ने शुरू कर दी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी

locationजबलपुरPublished: Jun 05, 2020 11:38:57 pm

Submitted by:

shyam bihari

जबलपुर में गेहूं-धान खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हुए भ्रष्टाचार की मांग करते हुए पूर्व विधायक ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
 

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जबलपुर। मप्र में सरकार बदल गई है। जो अफसर कुछ समय पहले तक कांग्रेस नेताओं की भाषा आसानी से समझ रहे थे, वे अब भाजपा नेताओं की भाषा समझने लगे हैं। पहले जब भाजपा वाले अफसरों के पास जाते थे, तो कहा जाता था कि ठीक है देखते हैं। अब वही अफसर हाथों-हाथ ज्ञापन ले रहे हैं। जबलपुर में तो अपनी सरकार होने के बाद भी अफसरों पर कार्रवाई करने के मांग कर रहे हैं। यहां के पूर्व विधायक हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने आरोपा लगाया कि कोरोना संकट काल में गरीब, किसानों और मजदूरों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद गेहूं, धान की खरीदी सहित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार हो रहा है। इसमें जिम्मेदार विभाग के अधिकारी भी शािमल हैं। उन्होंने कलेक्टर भरत यादव को ज्ञापन सौंपा।

बब्बू के साथ पूर्व मंत्री शरद जैन, पूर्व विधायक अंचल सोनकर व प्रतिभा सिंह थीं। सबका कहना था कि शासन ने खरीदी केंद्रों में किसानों से कोई राशि नहीं लेने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद जिले के सभी खरीदी केंद्रों में किसानों से पल्लेदारी, धागा, सिलाई के नाम पर किसानों से 30 रुपए क्विंटल लिए जा रहे हैं। उन्होंने पूर्व में भी घटिया क्वालिटी का धान खरीदकर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया है। उधर, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को आरोप है कि अब तो भाजपा की ही सरकार है। यदि अफसर उनके ही नेताओं की नहीं सुन रहे हैं, तो फिर किसकी सुनेंगे? कुछ कांग्रेसियों ने कहा कि विधानसभा चुनाव में सफलता नहीं मिलने पर इन नेताओं ने अपनी सक्रियता अब बढ़ाई है। कांग्रेस वालों को आरोप है कि असल में जिन नेताओं ने अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोला है, उन्हें भाजपा में ही तवज्जो नहीं मिल रही है। इसलिए वे अपने को चर्चा में लाने की कोशिश कर रहे हैं।

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