Buses start, but barely enough to meet fuel expenses
जबलपुर. शहर के बस ऑपरेटर्स ने बसों का संचालन तो शुरू कर दिया है, लेकिन संख्या कम होने से यात्रियों की परेशानी जस की तस है। जिन रूटों पर ट्रैफिक अधिक है, वहां भी चंद बसें चलाई जा रही हैं। बसों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रशासन ने दबाव बनाया तो ऑपरेटर्स तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं।
छोटे रूट पर संचालन
ऑपरेटर्स अभी 100 से 150 किमी के दायरे में ही बसें चला रहे हैं। लम्बे रूट पर कम बसें चलने से यात्री टैक्सी आदि से सफर करने को मजबूर हैं। नागपुर, छिंदवाड़ा, रीवा, इलाहाबाद, इंदौर, भोपाल आदि रूटों पर बसों का संचालन नहीं हो रहा है।
बहाना बना किया गुमराह
बस ऑपरेटर्स ने दावा किया था कि बसों का संचालन बंद होने से उन्होंने अपने परमिट आरटीओ में सरेंडर कर दिए थे, लेकिन, नौ दिन बाद भी पूरी तरह बसों का संचालन शुरू नहीं होने से यह स्पष्ट है कि वे बहाना बना रहे हैं। कई ऑपरेटर्स मेंटेनेंस की बात कहकर बसें नहीं चला रहे हैं।
आइएसबीटी में करना पड़ रहा इंतजार
यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए आईएसबीटी में बसों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बुधवार को जबलपुर से छिंदवाड़ा जाने के लिए पंचमलाल पटेल सपरिवार आईएसबीटी पहुंचे, तो पता चला कि वहां के लिए कोई बस नहीं है। मंडला, डिंडोरी और शहपुरा जाने वाले यात्रियों को भी बस के लिए कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है।
…वर्जन…
बस ऑपरेटर्स के आवेदन करते ही परमिट वापस किया जा रहा है। बसों की संख्या बढ़ाने के सम्बंध में भी ऑपरेटर्स से लगातार बातचीत जारी है, जिससे यात्रियों को परेशानी नहीं हो।
संतोष पॉल, आरटीओ