जबलपुर

नर्सों की हड़ताल जारी, सरकार पर लगाया हठवादिता का आरोप

-शासन ने नर्सों सहित सेहत संबंधित कर्मचारियों, डॉक्टरों की हड़ताल अवैध घोषित की

जबलपुरJul 01, 2021 / 02:08 pm

Ajay Chaturvedi

नर्सें हड़ताल पर मेडिकल कॉलेज में चल रहा धरना

जबलपुर. नर्सों की हड़ातल गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी है। नर्सों ने सरकार पर हठवादिता का आरोप लगाया है। इस बीच सरकार ने नर्सों सहित सभी स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। आदेश जारी कर कहा है कि हड़ताल पर जाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के विरुद्ध एस्मा की कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने हड़ताल को अवैध घोषित किया

सरकार ने बाकायद गजट नोटिफिकेशन कर 28 जून को ही नर्सों सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों की हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया। यहां तक कि सरकार ने साफ लफ्जों में चेताया है कि हड़ताल पर जाने वालों के विरुद्ध एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसकी पुष्टि मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर प्रदीप कसार ने की है।
बता दें जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की नर्सें गत नौ जून से आंदोलन पर हैं। शुरूआती तीन दिन उन्होंने काला दिवस मनाया, फिर पीपीई किट पहन कर प्रदर्शन किया। उसके बाद उनका आंदोन जारी रहा। वो 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती उनकी हड़ताल जारी रहेगी। यहां यह भी बता दें कि मेडिकल कॉलेज की नर्सों के साथ जिला अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी की नर्सें भी हड़ताल में शामिल हैं। नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष हर्षा सोलंकी ने पहले ही चेतावनी दी थी कि उनकी मांग पूरी नहीं की गई और सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो वो 30 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी और इसमें प्रदेश के सभी 6 मेडिकल कॉलेज सहित सभी जिला अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी की नर्सों को भी शामिल किया जाएगा। ऐसे में बुधवार से मेडिकल कॉलेज की 1100 और जिले की 400 अन्य नर्सें हड़ताल पर हैं। इसका प्रभाव चिकित्सा सेवा सहित टीकाकरण पर भी पड़ रहा है। हालांकि सरकार ने टीकाकरण के लिए वैकल्पिक इंतजाम किया है।
नर्सों की प्रमुख मांगें

1-2004 के बाद नियुक्त सभी स्टाफ नर्सों की पुरानी पेंशन लागू की जाए

2-कोरोना काल में काम करने वाली नर्सेस को दो वेतन वृद्धि दी जाए

3-2018 के आदर्श भर्ती नियमों में संशोधन करते हुए 70 प्रतिशत, 80 प्रतिशत और 90 प्रतिशत का नियम हटाया जाए
4-प्रतिनियुक्ति समाप्त कर स्थानांतरण की प्रक्रिया चालू की जाए

5-सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में सेवारत नर्सों की उच्च शिक्षा के लिए आयु सीमा बंधन हटाया जाए

6-कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती की गई नर्सेस को नियमित किया जाए
7-अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के समस्त नर्सेस का स्टाफ नर्स से पदनाम पदलकर नर्सिंग ऑफिसर किया जाए

8-स्वाशासी में से पदस्थ नर्सेंस को सातवा पे कमीशन का लाभ वर्ष 2018 के बजाए सभी कर्मचारियों की भर्ती वर्ष 2016 से दिया जाए
9-कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए और 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया जाए

10-मेल नर्स की भर्ती भी तत्काल की जाए
11-शासकीय नर्सिंग कॉलेज एवं स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं को कलेक्ट्रेट दर पर मानदेय दिया जाए
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