इस मामले में अगली सुनवाई 24 घंटे बाद 11 मई को ही होगी। प्रदेश में बारात घर से लेकर गोदाम तक में नर्सिंग कॉलेज खोले जाने को लेकर लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। प्रदेश में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों में तय मापदंडों को पूरा नहीं किया जा रहा है। इनकी निगरानी करने वाली कमैटी को निरीक्षण पर भी सवालिया निशान लगे हैं। यही वजह है कि कुछ नर्सिंग कॉलेज कार शोरूम में तो कुछ नर्सिंग कॉलेजों बारात घर और गोदाम में खोल लिए गए।
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मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की बाढ़ सी आ गई थी और इन कॉलेजों में तय मापदंड को पूरा किए बिना संचालित किया जा रहा है। इन कॉलेज की रिपोर्ट को ही हाईकोर्ट ने तलब किया है। राज्य में 453 नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं। नर्सिंग कॉलेज की सबसे खराब हालात आदिवासी इलाकों में है, यहां सिर्फ कागजों में ही कॉलेज संचालित हो रहे हैं। कॉलेज में अनियमितता को लेकर लगातार शिकायतों मिल रही थी। अब हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट ने 24 घंटे में इन कॉलेजों की जानकारी मांगी है।