जिम्मेदारों की नाकामी
विश्वविद्यालयीन व्यवस्था के अनुसार शिक्षण सत्र की शुरुआत में ही संबद्धता तय हो जाना चाहिए। उसके बाद परीक्षा होनी चाहिए। कोविड के कारण पिछले सत्र में नर्सिंग प्रथम वर्ष में छात्र-छात्राओं को जनरल प्रमोशन दिया गया। संबद्धता जांच भी शिथिल रही। लेकिन बाकी कामकाज के गति पकडऩे के बाद भी संबद्धता के पुराने प्रकरण निपटाने में जिम्मेदारों ने तेजी से काम नहीं किया। लापरवाही और गड़बड़ी इतनी बढ़ गई कि उसे सुधारने में अब लंबी कवायद करना पड़ रही है।
सेकेंड इयर की परीक्षा में रोड़ा
नर्सिंग कॉलेजों की संबद्धता समय रहते पूरी नहीं किए जाने से हालत ये हो गई कि नया सत्र सिर पर आ गया है, विवि पुराने प्रकरणों को ही सुलझा नहीं सका है। संबद्धता के अटकने से पिछले सत्र में प्रवेश लेने वाले नर्सिंग छात्र-छात्राओं की सेकेंड इयर की परीक्षा में रोड़ा लग गया है। इस महीने से प्रस्तावित सेकेंड इयर की परीक्षा को आखिरी वक्त पर रद्द करना पड़ा। कोर्स पूरा होने के बाद परीक्षा नहीं होने से छात्र-छात्राओं को परेशान होना पड़ रहा है।
नर्सिंग कॉलेजों की संबद्धता को लेकर पूर्व में तत्कालीन अधिकारियों ने कार्रवाई को समय पर पूरा नहीं किया। अब प्रकिया तेजी से की जा रही है। कोई भी कॉलेज फर्जी तरीके से संबद्धता प्राप्त ना कर सकें, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।
- डॉ. प्रभात बुधौलिया, कुलसचिव, मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय