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ओबीसी आरक्षण: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

locationजबलपुरPublished: Sep 17, 2021 08:53:17 am

Submitted by:

Hitendra Sharma

27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू करने का मामला, 20 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

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जबलपुर. हाईकोर्ट ने राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का आरक्षण बढ़ाकर 27% करने पर सरकार से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की बेंच ने तीन दिन का समय दिया है। अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी। सामाजिक संस्था यूथ फॉर इक्बेलिटी की ओर से याचिका प्रस्तुत की गई थी।

अधिवक्ता सुयश ठाकुर ने बताया कि ओबीसी आरक्षण का मामला कोर्ट में है। हाईकोर्ट ने पहले से चला आ रहा स्थगन आदेश वापस लेने से इनकार कर लिया था। इसके बाबजूद सरकार ने राज्य में ओबीसी के लिए आरक्षण 27 फीसदी कर दिया।

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मध्य प्रदेश की राजनीति में ओबीसी आरक्षण बड़ा मुद्दा बना हुआ है। बता दें कि कमलनाथ सरकार ने 27 फीसद आरक्षण का फैसला किया था। लेकिन मामला कोर्ट में चला गया। इस मामले में बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार की आरक्षण देने की नीयत ही नहीं थी। अब कांग्रेस बीजेपी सरकार पर आरोप लगा रही है कि वो कोर्ट में अपना पक्ष ठीक से नहीं रख रही।

बता दें कि प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में अंतरिम आवेदन दायर करके बढ़े हुए ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया था, जिसे कोर्ट ने फिलहाल ठुकरा दिया है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पैरवी की लेकिन उनकी तमाम दलीलों के बावजूद हाईकोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया।

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हाईकोर्ट ने तय किया है कि बढ़े हुए आरक्षण के पक्ष और विपक्ष की ज़िरह को अलग-अलग सुना जाएगा। उसके बाद ही कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुनाएगा। हालिया सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है जिसका सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन दूर करने के लिए बढ़ा हुआ आरक्षण देना ज़रूरी है।

लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि महाराष्ट्र के मराठा रिज़र्वेशन को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट साफ कर चुकी है कि सिर्फ ज्यादा आबादी, आरक्षण बढ़ाने का आधार नहीं हो सकती। ऐसे में फिलहाल हाईकोर्ट ने 27 फीसद ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक हटाने से इंकार कर दिया है।

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