बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को तीन कैटेगरी में घोषित करने का नियम है। कैटेगरी के हिसाब से सर्वेक्षण के अंक मिलते हैं। शहर अगर ओडीएफ है तो 150 अंक, ओडीएफ प्लस है तो उसमें 200 अंक और जुड़ जाते है। इन 200 अंकों के लिए शहर को ओडीएफ प्लस घोषित करने की तैयारी नगर पालिका के अधिकारी कर रहे हैं, ताकि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नपा के अंक बढ़ जाएं और उसकी स्वच्छता रैंकिंग सुधर जाए।
200 परिवारों को शौचालय का इंतजार
तीन साल पहले नगर पालिका परिषद ने 1200 हितग्राहियों के यहां शौचालय बनवाने की स्वीकृति दी थी। नपा कार्यालय में 3725 हितग्राहियों ने शौचालय बनवाने के लिए आवेदन किए थे। नगर पालिका ने इन आवेदनों का सत्यापन कराकर 1485 आवेदनों को ऑनलाइन दर्ज कर दिया, लेकिन तीन साल में केवल 1276 शौचालय ही बनाकर दे सकी है। बाकी हितग्राही अब भी शौचालय बनने का इंतजार कर रहे हैं।
हितग्राहियों से ली अंश राशि
ठेकेदार को 1360 रुपए हितग्राही से अंश राशि के रूप में लेना थी, जबकि 12 हजार रुपए नगर पालिका को भुगतान करना था। ठेकेदार ने हितग्राहियों से अंश की राशि तो ले ली, लेकिन शौचालय बनवाने का काम ही शुरू नहीं किया है। नवरात्र से शौचालय निर्माण कार्य बंद है।
ये है स्थिति
-1200 हितग्राहियों के यहां शौचालय की थी स्वीकृति
-3725 हितग्राहियों ने दिए थे नपा में आवेदन
-1485 आवेदनों को ऑनलाइन किया दर्ज
-1276 शौचालय ही बना कर दे सकी नपा
-209 शौचालय अब भी बनना बचे शेष।
पनागर नगर पालिका क्षेत्र में शौचालय बनाए जा रहे हैं। पात्र हितग्राही इसके लिए नगर पालिका में आवेदन कर सकता है।
संजय सोनी, सीएमओ, नगर पालिका पनागर