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देश की कोई भी निर्माणी पूरा नहीं कर पाई 50 फीसदी उत्पादन

locationजबलपुरPublished: Sep 12, 2019 07:09:55 pm

Submitted by:

prashant gadgil

ओएफबी प्रत्येक तीन माह के उत्पादन की करता है समीक्षा

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जबलपुर। वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 50 फीसदी उत्पादन पूरा करने के लिए आयुध निर्माणियां प्रयास में जुट गई हैं। ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) ने अब हर तीन माह में उत्पादन का आकलन शुरू कर दिया है। पहली तिमाही में तो स्थिति खराब रही। आंकड़ा 2 से 5 फीसदी तक पहुंचा है। अब इसमें सुधार हुआ है। यह 15 से 30 फीसदी के बीच आ गया है लेकिन कोई भी निर्माणी 50 प्रतिशत के आंकडे़ के नजदीक नहीं पहुंची है।
शहर में चारों आयुध निर्माणियों के पास यदि उत्पादन लक्ष्य की बात करें तो वह करीब 35 सौ करोड़ तक पहुंचता है। सबसे ज्यादा लक्ष्य ऑर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके) के पास है। उसके बाद वीकल फैक्ट्री (वीएफजे), गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) और ग्रे आयरन फाउंड्री (जीआईएफ) है। अभी सितम्बर माह का एक पखवाड़ा बचा है। इसलिए इस अवधि में चारों निर्माणियां इस आंकडे़ को बढ़ाने में जुट गई हैं।
मटैरियल की कमी
जिन आयुध निर्माणियों में कंपोनेंट का उत्पादन होता है, उनका उत्पादन का आंकड़ा तो ऊपर होता है लेकिन जहां पर कंपलीट एमुनेशन तैयार होता है वह पीछे रह जाती हैं। शहर में जीआइएफ को छोड़कर शेष चारों निर्माणियां कंपलीट प्रोडक्ट तैयार करती हैं। इसलिए यहां पर कच्चा मटैरियल अहमियत रखता है। सूत्रों ने बताया कि मौजूदा स्थिति में ओएफके में बमों के उत्पादन में कई प्रकार के कच्चे माल की कमी लगातार बनी हुई है। जीसीएफ में धनुष तोप के लिए भी कलपुर्जे पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं। वहीं वीकल फैक्ट्री में यही स्थिति है। सूत्रों ने बताया कि करीब 1900 स्टालियन में 16 सौ का डिस्पैच तो तेजी के साथ हो गया लेकिन बांकी वाहनों लिए कलपुर्जों का संकट है। यही स्थिति एलपीटीए वाहन के साथ है। जीआईएफ में स्थिति संतोषजनक है।
जून में थी स्थिति खराब
ओएफबी ने जून में पहली तिमाही की सूची जारी की थी। इसमें जीआईएफ में 148 करोड़ के उत्पादन लक्ष्य में करीब 5 फीसदी उत्पादन हुआ था। अब यह लगभग 30 फीसदी हो गया है। वीएफजे में 840 करोड़ के उत्पादन के बदले लगभग ३ फीसदी उत्पादन हुआ था। बताया जाता है कि अभी यह आंकड़ा 20 फीसदी से ज्यादा हो गया है। जीसीएफ में करीब 700 करोड़ के उत्पादन में पहले एक फीसदी भी उत्पादन लक्ष्य हासिल नहीं हुआ था। लेकिन अब 15 फीसदी उत्पादन होने की संभावना है । इसी प्रकार ओएफके में २९ सौ करोड़ के उत्पादन लक्ष्य में पहले 2 फीसदी उत्पादन हो चुका था। अब यहां भी आंकड़ा बढ़ गया है।

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