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Birds- अफसर हैं कि सुधरते नहीं, खुद कुछ किया नहीं, पक्षियों का रेस्क्यू कर रहे छात्रों को धमकाया

locationजबलपुरPublished: Oct 26, 2019 08:57:13 pm

Submitted by:

shyam bihari

birdsपक्षी प्रेमियों ने किया सराहनीय काम

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जबलपुर। अफसरों कुछ भी कह लो। जबलपुर के अफसरों ने तो लगता है कि न सुधरने का ठेका ले लिया है। यहां बीएसएनएल परिसर में ठेका देकर सैकड़ों पक्षियों के आशियाने उजाड़ कर उन्हें मौत की नींद सुलाने वाले अफसरों ने फिर शर्मसार करने वाली हरकत की। घोसले उजडऩे के बाद तड़प रहे चूजों व पक्षियों का रेस्क्यू करने गए पक्षी प्रेमी छात्रों को बीएसएनएल अफसरों ने वहां से हटने के लिए धमकाया। छात्रों के मोबाइल छीनने की कोशिश की। उन्हें परिसर से बाहर करने के बाद गेट पर ताला जड़ दिया। वकीलों व पुलिस के हस्तक्षेप के बाद गेट खुला। छात्रों के समर्थन में अधिवक्ता अंशुमान सिंह भी पहुंचे।

पहुंचे उपचार करने
बीएसएनएल के हाईकोर्ट के पास स्थित दफ्तर में रविवार को पेड़ों की कटाई कर पक्षियों के आशियाने उजाड़ दिए गए थे। इस दौरान बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हो गई। यहां सैकड़ों की संख्या में चूजे व घायल पक्षी पड़े हैं। घायल पक्षियों को बचाने हर रोज यहां लोग जा रहे हैं। शुक्रवार को पेड़ की शाखाओं में फंसे चूजे व घायल पक्षियों को निकालने व इलाज के लिए पक्षी प्रेमियों के साथ वेटरनरी कॉलेज के छात्र गए थे। छात्र सक्षम पटेल, विनय ने बताया कि शाखाओं में पंसे पक्षियों को जब वे और उनके साथी निकाल रहे थे, तभी बीएसएनएल के अफसरों ने मुख्य गेट पर ताला लगा। फोटो लेने और वीडियो बनाने के दौरान मोबाइल छीनने की कोशिश की गई। मामला बढऩे के बाद वन विभाग के अधिकारी एवं पर्यावरण प्रेमी अधिवक्ता भी पहुंचे। अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने अफसरों के रवैये पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि छात्र घायल पक्षियों व चूजों का रेस्क्यू कर रहे हैं। इलाज के बाद सुरक्षित स्थान में छोड़ा जा रहा है, तो इस पर उन्हें क्यों रोका जा रहा है। इस दौरान रेंजर कमल सिंह भी मौजूद थे। बीएएनएल के अफसरों ने छात्रों पर शांति भंग करने का आरोप लगाया, तो छात्र भड़क गए। पुलिस ने मामला शंात कराया। बीएसएनएल सहायक महाप्रबंधक प्रशासन एनके नंदनवार ने कहा कि परिसर में बड़ी संख्या में वृक्षों पर घोसले हैं, जिनसे रोजाना कई पक्षी गिरते हैं। गंदगी के कारण निगम आयुक्तको पत्र लिखा गया था। ननि के उद्यान अधिकारी ने वृक्षों की शाखाओं की छंटाई के आदेश 15 अक्टूबर को दिए थे।

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